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भारत सरकार के कटघरे में आई Telegram ऐप, अब होगी कड़ी से कड़ी जांच

Telegram Investigation: टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने टेलीग्राम पर हो रही गलत एक्टिविटीज पर कोई कदम नहीं उठाया है. इसके लिए अब आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से जांच करने को कहा है. कहा गया है कि टेलीग्राम अगर किसी भी गलत एक्टिविटी में पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. 

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Telegram Investigation
Courtesy: Canva

Telegram Investigation: ये तो सभी जानते हैं कि टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव को गिरफ्तार कर लिया गया है. भारतीय आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से जांच करने को कहा है कि क्या भारत को लेकर टेलीग्राम ऐप पर कोई उल्लंघन हुआ है. आईटी मंत्रालय जानना चाहता है कि क्या टेलीग्राम के खिलाफ कोई शिकायत पेंडिंग है? अगर ऐसा है तो भारत में भी ऐप के खिलाफ सही कार्रवाई की जानी चाहिए. चलिए जानते हैं इस मामले में क्या कुछ कहा गया है. 

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, "फ्रांस में जो कुछ हुआ है, उसके मद्देनजर आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ सभी पेंडिंग शिकायतों की जांच करने के लिए कहा है. अगर कुछ निकलता है तो इस पर उचित कार्रवाई करने के लिए भी कहा है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस मामले को लेकर मुख्य सवाल यह है कि क्या टेलीग्राम के खिलाफ कोई शिकायत की गई है, भारत में इसकी स्थिति क्या है, क्या किसी शिकायत पर कार्रवाई करने की जरूरत है? 

रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन साइबर क्राइम सेंटर और MeitY जो जांच कर रही हैं वो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी नियमों के उल्लंघन से जुड़ी नहीं है. इस मामले को लेकर अभी तक टेलीग्राम की तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आया है. 

क्या है पूरा मामला: 

25 अगस्त को, टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव को फ्रांस में हिरासत में लिया गया था. पावेल पर आरोप लगाया गया है कि वो टेलीग्राम पर हो रही आपराधिक एक्टिविटीज पर सही तरह से कंट्रोल नहीं कर पाए. फ्रांसीसी अधिकारियों का आरोप है कि इस लापरवाही ने टेलीग्राम पर धोखाधड़ी, शराब की तस्करी, क्रिमिनल्स, आतंकवाद और साइबर बुलिंग को बढ़ावा दिया है. 

वहीं, टेलीग्राम ने आरोपों को बेतुका बताया है. साथ ही कहा है कि डुरोव  के पास किसी भी बात को छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. यह प्लेटफॉर्म डिजिटल सर्विस अधिनियम समेत यूरोपीय संघ के कानूनों का पालन करता है. डुरोन को इस मामले में 96 घंटे तक पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि इन्हें कुछ ही समय में रिहा किया जा सकता है.