नई दिल्ली: फेक चार्जर का मार्केट तेजी से बढ़ता जा रहा है. फेक चार्जर से फोन की बैटरी हेल्थ कम हो सकती है. फोन में ओवरहीटिंग की परेशानी आना भी इससे काफी आम हो जाता है. कुछ मामलों में तो इनसे शॉर्ट सर्किट या आग लगने का हादसा भी हो सकता है. ऐसे में आपको यह जरूर चेक कर लेना चाहिए कि जो चार्जर आप खरीद रहे हैं, वो ऑतथराइज्ड है भी या नहीं.
सबसे अच्छी बात यह है कि भारत सरकार फे प्रोडक्ट्स को लेकर काफी सतर्क हो गई है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकारी ने एक समाधान निकाला है, जो BIS Care मोबाइल ऐप है. इसके जरिए आप कुछ ही मिनटों में चार्जर की ऑथेंटिसिटी चेक कर सकते हैं.
भारत में बिकने वाले हर चार्जर पर BIS से सर्टिफाइड होते हैं. इसके लेबल पर आर-नंबर दिया गया होता है. इसमें सर्टिफिकेशन कोड होता है, जिसमें मैन्युफैक्चरर का नाम, मॉडल, जिस देश में बना है,
BIS अप्रूवल स्टेटस मौजूद है. अगर चार्जर असली होता है तो R-नंबर वैलिड और ट्रेसेबल होगा. वहीं, अगर यह नकली है, तो एप्लीकेशन तुरंत इसे फ्लैग कर देगा.
BIS Care ऐप डाउनलोड करें. यह Android और iOS दोनों पर उपलब्ध है.
ऐप ओपन करें. इसके बाद Verify R Number सेलेक्ट करें. फिर होम स्क्रीन पर प्रोडक्ट ऑथेंटिकेशन के लिए दिए गए ऑप्शन पर टैप करें.
इसके बाद अपने चार्जर पर देखें कि आर-नंबर क्या है. चार्जर या एडाप्टर पर यह दिखाई देगा. यह R-XXXXXXX से शुरू होगा.
फिर आपको स्क्रीन इस R-नंबर को डालना होगा. इसके बाद Verify पर टैप करें: ऐप में नंबर टाइप करें या पेस्ट करें. फिर Search/Verify बटन पर टैप करें.
इसके बाद आपको पता चल जाएगा कि आपका चार्जर असली है या नकली.
नकली चार्जर इस्तेमाल करने से आपका फोन खराब हो सकता है, जिसमें बैटरी जल्दी खराब होना, स्लो चार्जिंग, ओवरहीटिंग, अचानक शॉर्ट सर्किट, आग लगना या बिजली के झटके का खतरा शामिल है. अपने चार्जर को एक बार चेक करने से आपका फोन सुरक्षित रहेगा और रोजाना सुरक्षित चार्जिंग सुनिश्चित होगी.