Google Gemini AI Tool: दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह अपने एआई टूल जेमिनी में संशोधन करेगा. कंपनी ने कहा कि यूजर एआई टूल जेमिनी के इस्तेमाल कर इमेज जनरेट नहीं कर सकेंगे. गूगल का ताजा बयान नाजी सैनिकों को विविध जातीय समूह को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दर्शाने के बाद सामने आया है. यह इमेज गूगल के नए एआई टूल जेमिनी के इस्तेमाल से बनाई गई थीं.
गूगल ने इसी माह ही अपने एआई टूल बार्ड की न्यू ब्रांडिंग करते हुए जेमिनी नाम रखा था. गूगल ने अपने ताजा बयान में कहा कि वह इमेज जनरेशन फीचर में आई समस्या को डिटेक्ट करने की कोशिश कर रहा है. कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम फिलहाल जेमिनी एआई टूल के इमेज जनरेशन फीचर को क्लोज कर रहे हैं. हम इसे जल्द ही डेवलेप्ड और इंप्रूव्ड फीचर के साथ लॉन्च करेंगे.
We're already working to address recent issues with Gemini's image generation feature. While we do this, we're going to pause the image generation of people and will re-release an improved version soon. https://t.co/SLxYPGoqOZ
— Google Communications (@Google_Comms) February 22, 2024
रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जॉन एल नाम के यूजर ने कहा कि उसने जेमिनी को 1943 के नाजी सैनिकों की इमेज जनरेट करने का प्रांप्ट दिया. जेमिनी ने नाजी सैनिकों की अलग अलग तस्वीरें बनाई. बनाई गई तस्वीरों में नाजी सैनिकों को एक काली, एक सफेद और दो रंगीन महिलाओं की फोटो में दर्शाया गया. गूगल के एआई परिणाम हैरान करने वाले थे. गूगल की एआई परिणामों में नस्लीय पूर्वाग्रह को कायम रखने और उसमें बदलाव न करने पर काफी आलोचना हो रही है.
टेक कंपनियां सर्च इंजन से लेकर स्मार्टफोन कैमरे तक हर चीज के लिए एआई को भविष्य के रूप में देखती हैं. बड़ी तकनीकी कंपनियों पर अक्सर एआई उत्पादों को उचित परीक्षण से पहले ही बाजार में उतारने का आरोप लगाया जाता रहा है. गूगल का एआई लॉन्चिंग का इतिहास काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है.