हाल ही में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने मेटा की डेटा-शेयरिंग प्रथाओं पर सख्त कार्रवाई की है, जिससे भारत में कंपनी की कई सेवाओं पर असर पड़ सकता है. CCI ने मेटा को व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं का डेटा विज्ञापन उद्देश्यों के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर साझा करने से प्रतिबंधित कर दिया है. इस फैसले का सीधा प्रभाव मेटा के व्यक्तिगत विज्ञापन देने की क्षमता पर पड़ा है, जिससे भारत में 500 मिलियन से अधिक व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं के साथ कंपनी की स्थिति कमजोर हो सकती है.
नवंबर में जारी किए गए अपने आदेश में, CCI ने पाया कि मेटा ने अपनी नई गोपनीयता नीति के माध्यम से व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा के व्यापक उपयोग की शर्तें स्वीकार करने के लिए मजबूर किया. आयोग ने इसे बाजार में मेटा की प्रभुत्वशाली स्थिति के दुरुपयोग के रूप में देखा.आदेश में मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया और पांच साल का डेटा-शेयरिंग प्रतिबंध लागू किया गया. CCI ने यह भी निर्देश दिया कि उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प दिया जाना चाहिए कि वे अपना डेटा मेटा के साथ साझा करना चाहते हैं या नहीं.
मेटा ने इस आदेश को चुनौती देते हुए दावा किया कि उसकी डेटा-शेयरिंग नीति गोपनीयता उल्लंघन नहीं है. कंपनी ने कहा कि यह नीति केवल व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफॉर्म के बीच बेहतर एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी. मेटा ने चेतावनी दी कि इस प्रतिबंध से भारतीय व्यवसायों को नुकसान होगा, क्योंकि वे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपयोगकर्ताओं को प्रभावी ढंग से लक्षित नहीं कर पाएंगे.
कंपनी ने CCI की आलोचना करते हुए कहा कि नियामक के पास इस तकनीकी मुद्दे को समझने की पर्याप्त क्षमता नहीं है. मेटा ने जोर देकर कहा कि आयोग को इस तरह का आदेश जारी करने से पहले कंपनी के साथ परामर्श करना चाहिए था.
मेटा ने CCI के आदेश को भारतीय न्यायपालिका में चुनौती दी है, लेकिन इस कानूनी प्रक्रिया के परिणाम आने में कई महीने लग सकते हैं. इस बीच, भारतीय अपील न्यायाधिकरण गुरुवार को मेटा की याचिका पर सुनवाई करेगा.
यह मामला भारत में डेटा गोपनीयता और बड़े तकनीकी प्लेटफॉर्म्स के नियमन के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है. CCI के फैसले का असर केवल मेटा पर ही नहीं, बल्कि पूरे डिजिटल विज्ञापन उद्योग पर पड़ सकता है.