Cyber Hacking Safety Tips: हैकर्स फोन में वायरस बड़ी ही आसानी से डाल देते हैं. इनके कई तरीके होते हैं जिनसे हम अनजान हैं. कई बार तो हमें ये तरीके पता भी होता है लेकिन हम नजरअंदाज कर जाते हैं. ऐसे में हमने ये जिम्मा उठा लिया है कि आपको समय-समय पर इन बातों की जानकारी देते रहेंगे. हैकर्स फोन में वायरस या मैलवेयर कैसे डाल देते हैं, अगर आप ये नहीं जानते हैं तो चलिए बताते हैं.
अगर आपने इन बातों का ख्याल नहीं रखा तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इससे फोन में वायरस या मैलवेयर तो आ ही जाएगा और साथ ही डिवाइस का एक्सेस हैकर्स के पास भी पहुंच जाएगा.
1. फिशिंग: ईमेल, एसएसएस और सोशल मीडिया पर दिए लिंक के जरिए आपके फोन में वायरस डाला जाता है. हैकर्स आपको इस तरह के लिंक पर करने के लिए बरगलाते हैं और फिर डिवाइस में वायरस डालने का काम करते हैं.
2. इन्फेक्टेड ऐप्स: कई बार हैकर्स थर्ड पार्टी ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए भी आपको बहकाते हैं और आप ऐसा कर भी लेते हैं. इस तरह की ऐप्स में मैलवेयर होता है.
3. डाउनलोड्स: कई बार आप ऐसे वेबसाइट्स पर पहुंच जाते हैं जो अपने आप ही आपकी डिवाइस में मैलवेयर डाल देते हैं.
4. टेक्स्ट मैसेजेज: हैकर्स एसएमएस या एमएमएस के जरिए भी आपको लिंक और अटैमेंट्स में मैलवेयर भेज देते हैं.
5. ब्लूटूथ: अगर आप किसी डिवाइस से ब्लूटूथ के जरिए फाइल्स ट्रांसफर कर रहे हैं तो यहां से भी फोन में मैलवेयर आ सकता है.
6. पब्लिक वाई-फाई: बिना किसी सिक्योरिटी के पब्लिक वाई-फाई से कनेक्ट करना हैकर्स को न्योता देने के बराबर है. ये कनेक्शन अनसिक्योर्ड होते हैँ.
7. आउटडेटेड सॉफ्टवेयर: अगर आपकी आदत नहीं है फोन या डिवाइस को अपडेट करने की तो आपको ये आदत बदल देनी चाहिए. सॉफ्टवेयर अपडेट करने से आपके फोन में बग्स या वायरस का खतरा कम हो जाता है.
8. इन्फेक्टेड एक्सेसरीज: फोन या डिवाइस के साथ इन्फेक्टेड एक्सेसरीज जैसे यूएसबी ड्राइव या चार्जिंग केबल्स को कनेक्ट करना सही नहीं है. इससे डिवाइस में मैलवेयर आ सकता है.