Google Lawsuit: Google को डाटा ट्रैकिंग को लेकर जुर्माना झेलना पड़ सकता है. गूगल ने फेडरल जज को यह समझाने की कोशिश की कि उन्होंने डाटा ट्रैकिंग को रोकने के लिए एक बटन को बंद किया था, लेकिन जज ने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया है. सैन फ्रांसिस्को की फेडरल अदालत के मुख्य जज रिचर्ड सीबॉर्ग ने यह तर्क खारिज कर दिया कि Google ने अपने वेब और ऐप एक्टिविटी सेटिंग्स के बारे में उचित जानकारी दी और यूजर्स ने ट्रैकिंग की अनुमति दी. Google ने यह भी तर्क दिया था कि कंपनी रिकॉर्ड-कीपिंग किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती.
एंड्रॉइड और नॉन-एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस यूजर्स ने Google पर आरोप लगाया कि उसने उनकी अनुमति के बिना उनकी निजी ब्राउजिंग हिस्ट्री को इंटरसेप्ट किया और सेव किया, जो कैलिफोर्निया के कानून का उल्लंघन है.
मंगलवार को 20 पेजों के एक फैसले में सीबॉर्ग ने कहा कि यूजर Google की इस हरकत को काफी आपत्तिजनक मान सकते हैं, क्योंकि कंपनी ने डाटा इक्ट्ठा किया. उन्होंने Google के इंटरनल कम्यूनिकेशन का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि गूगल ने जानबूझकर डाटा कलेक्शन को लेकर यह क्लियर नहीं किया था कि किस तरह का डाटा इक्ट्ठा किया जा रहा है क्योंकि अगर सच पता चलेगा तो यूजर परेशान हो सकते हैं.
वहीं, दूसरी तरफ सीबॉर्ग ने कहा कि Google कर्मचारियों ने शायद कंपनी के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को सुधारने के तरीके सुझाए थे. Google ने बुधवार को एक बयान में कहा, प्राइवेसी कंट्रोल्स लंबे समय से हमारी सर्विस में शामिल हैं और यहां लगाए गए आरोप जानबूझकर हमारे प्रोडक्ट्स को गलत साबित करने के लिए लगाए जा रहे हैं. विपक्ष के वकीलों ने फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं किया है. बता दें कि यह मुकदमा जुलाई 2020 में शुरू हुआ था.