Bengaluru Blast: बेंगलुरु के एक लोकप्रिय रेस्तरां रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हुआ है. इस कैफे में ब्लास्ट हो गया है और कई लोग घायल हुए हैं. इस ब्लास्ट को लेकर जांच चल रही है और इसके आरोपियों को AI द्वारा तलाशा जा रहा है. AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कानूनी दांव-पेच या फिर आरोपियों को पहचानने में भी किया जाने लगा है. AI किस तरह से इस काम में पुलिस की मदद करता या कर सकता है, चलिए जानते हैं यहां.
फेशियल रिक्गनीशन: AI की फेशियल रिकग्नीशन तकनीक समय के साथ काफी दमदार होती जा रही है. फेशियल रिक्गनीशन AI के जरिए ह्यूमन फेस को पहचानता है. यह किसी भी फोटो या वीडियो के फेशियल फीचर को मैप करता है और फिर उसे डाटाबेस में अपलोड करता है. इससे व्यक्ति को पहचाना जा सकता है. इस रिजल्ट को क्रिमिनल रिकॉर्ड्स या सरकारी डाटाबेस के साथ चेक किया जाता है. देखा जाए तो इतने लोगों में से एक व्यक्ति को पहचनना बेहद ही मुश्किल काम है लेकिन AI फेशियल रिकग्नीशन के जरिए यह आसान हो गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, AI के जरिए फेस पहचनाना 99 फीसद तक सटीक रहता है.
बिहेवियर एनालिसिस: फेशियल रिकग्निशन के अलावा व्यक्ति का व्यवहार भी AI पहचान सकता है. सीसीटीवी फुटेज या किसी दूसरे सोर्स के जरिए जो वीडियो कैप्चर की जाती है उसमें व्यक्ति के बिहेवियर पैटर्न को देखा जाता है. इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति के एक्शन और मूवमेंट कैसे हैं.
वॉयस एनालिसिस: AI एल्गोरिदम, सस्पेक्ट की उनके स्पीच पैटर्न, टोन और आवाज के ही दूसरे पैटर्न के आधार पर किसी व्यक्ति की आवाज को एनलाइज करती है. अगर किसी की रिकॉर्डिंग से यह पता लगाना हो कि वो आवाज किसकी है तो AI इस काम में आपकी मदद कर सकता है.
होते हैं कई टूल्स:
लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी और साइबरक्राइम एक्सपर्ट्स इस तरह के कई AI टूल्स ता इस्तेमाल करते हैं जिससे वो कई मामले सुलझाने में कामयाब भी रहते हैं.