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जेसीबी, क्रेन, जनरेटर, इंटरनेट...उत्तरकाशी में तेज हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, IAS अधिकारी 1 दिन की सैलरी करेंगे दान

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी के धारली में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य जोरों पर है. राज्य सरकार और विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने प्रभावित इलाकों में डेरा डाल दिया है. भटवाड़ी और गंगानी के बीच गंगोत्री राजमार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे वाहन बीच सड़क पर फंस गए थे.

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Edited By: Princy Sharma
Uttarkashi Cloudburst
Courtesy: X

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी के धारली में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन गुरुवार सुबह आपदा पीड़ितों को कुछ राहत मिली. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियां चौबीसों घंटे बचाव कार्यों में जुटी हैं. एक ओर अस्थायी पुलों का निर्माण किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मलबा हटाने का काम शुरू हो गया है. खोजी कुत्तों ने मलबे में दबे शवों की तलाश शुरू कर दी है. अधिकारियों ने घटनास्थल पर डेरा डाल दिया है और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रहे हैं.

उत्तरकाशी के धारली में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य जोरों पर है. राज्य सरकार और विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने प्रभावित इलाकों में डेरा डाल दिया है. भटवाड़ी और गंगानी के बीच गंगोत्री राजमार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे वाहन बीच सड़क पर फंस गए थे. बीआरओ ने इसकी मरम्मत कर दी है. प्रशासन ने लोगों के लिए राशन और पशुओं के लिए चारे का इंतजाम किया है.

SDRF के आईजी अरुण मोहन जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए टावर लगाए जा रहे हैं. सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टर जरूरी सामग्री और लोगों को लाने-ले जाने में मदद कर रहे हैं. इसके साथ जेसीबी, क्रेन और जनरेटर मौके पर भेज दिए गए हैं

एक दिन का वेतन दान करेंगे IAS अधिकारी

 उत्तराखंड के आईएएस अधिकारी उत्तरकाशी आपदा पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे. आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष एलए फुनई की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

चिनूक से धारली भेजा गया जनरेटर

चिनूक हेलीकॉप्टर ने भी बचाव अभियान की कमान संभाल ली है. गुरुवार को चिनूक से आपदा प्रभावित धारली में 125 केवी का जनरेटर भेजा गया. बता दें कि धारली क्षेत्र में बिजली और संचार सेवाएं ठप हैं, जिससे बचाव अभियान में काफी दिक्कत आ रही है. धारली में संचार सेवाएं भी ध्वस्त हो गई हैं. इसलिए वहां संचार व्यवस्था ठप है. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने जानकारी दी की आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संचार और बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए जनरेटर का उपयोग किया जाएगा.

हर्शिल के धारली में घायलों का उपचार

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने धारली और हर्षिल में आपदा में घायल हुए 70 से अधिक मरीजों का उपचार किया. वहीं, गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को एम्स ऋषिकेश और एमएच देहरादून रेफर किया गया है. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मंगलवार शाम को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हर्षिल में तैनात डॉक्टरों को धारली भेज दिया गया. विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम भी बुधवार से धारली और हर्षिल में डेरा डाले हुए है. उनका कहना है कि दुर्घटना के वजह से कई लोग मेंटली डिस्टर्ब हैं और काउंसलिंग की जा रही है. ऐसे में तीन मनोचिकित्सकों की टीम प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है.

चिन्यालीसौड़ में रहेंगे हेलीकॉप्टर

राहत अभियान में तेजी लाने के लिए अब चिनूक और एमआई-17 को चिन्यालीसौड़ में तैनात किया जाएगा. अभी तक ये जॉलीग्रांट हैंगर में तैनात थे. मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि हेलीकॉप्टरों को दून से पहुंचने में ज्यादा समय लग रहा है. चिन्यालीसौड़ में रुकने से यह समय कम हो सकता है. बुधवार तक खराब मौसम के कारण उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य गति नहीं पकड़ पाए थे. सड़कें खराब होने के कारण धराली और हर्षिल तक पहुंचना अभी भी मुश्किल बना हुआ है. मौसम साफ होते ही गुरुवार को बचाव कार्यों में तेजी आई.