11 july ka mausam: देवभूमि उत्तराखंड की पावन स्थली इन दिनों मॉनसून की भारी बारिश की चपेट में है. जहां एक ओर जहां ये बारिश गर्मी से राहत देती है और प्रकृति को हरा-भरा बना रही है, वहीं दूसरी ओर यह पहाड़ी और मैदानी इलाकों में तबाही का सबब बन रही है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भूस्खलन, सड़क बंदी, बिजली गिरने की घटनाओं और जनजीवन को प्रभावित करने वाली परेशानियों को जन्म दिया है. पिछले दो हफ्तों से उत्तराखंड के कई जिले इस प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों, यात्रियों और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं.
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को प्रदेश के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है. देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. इसके अलावा, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत, अल्मोड़ा, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी जैसे जिलों में भी तेज बारिश के साथ बिजली चमकने की आशंका है. मौसम विभाग ने बताया कि इन क्षेत्रों में मौसम की स्थिति आज चुनौतीपूर्ण हो सकती है.
भूस्खलन और सड़क बंदी से बढ़ी मुश्किलें
पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं आम हो गई हैं. कई प्रमुख सड़कें मलबे से बंद हो चुकी हैं, जिससे यात्रा और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं, और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है. स्थानीय निवासियों को भी पहाड़ी रास्तों पर सावधानी बरतने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूरी बनाने की हिदायत दी गई है. प्रशासन की सतर्कता और जनता के लिए सलाहजिला प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है और आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हैं. मौसम विभाग ने बिजली गिरने की चेतावनी दी है, इसलिए लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले स्थानों पर मोबाइल फोन या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें. साथ ही, नदियों, बरसाती नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें, क्योंकि अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा बना हुआ है.