Uttarakashi Flood: उत्तरकाशी के धराली आपदा के बाद हर्षिल घाटी में बनी कृत्रिम झील बड़ी तबाही मचा सकती है. दरअसल, यमुना नदी में स्यांचट्टी के पास बनी कृत्रिम झील विकराल रूप धारण करती जा रही है. यह झील 'वॉटर बम' बनती जा रही है. होटल हों या घर, सब कुछ पानी में डूबा हुआ है. चार मंजिला कालिंदी होटल की तीन मंजिलें पानी में डूबी हुई हैं. पास की पुलिस चौकी की एक मंजिल भी पानी में डूबी हुई है. पहले यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालु यहीं बने पुल से होकर जाते थे. लेकिन कृत्रिम झील के कारण पुल भी पूरी तरह डूब गया है.
हालांकि, देर रात से यमुना में बनी झील का जलस्तर एक मीटर कम हो गया है. लेकिन खतरा टला नहीं है. यमुना नदी का मुख्य प्रवाह लगातार अवरोध बन रहा है. कचरा और पत्थर लगातार अपनी दिशा बदल रहे हैं. स्यांचट्टी में एक बड़ा पार्किंग स्थल भी पानी में डूबा हुआ है.
इतना ही नहीं, स्यांचट्टी स्थित सरकारी स्कूल की एक मंजिल पूरी तरह पानी में डूब गई है. सभी सरकारी दस्तावेज भी पानी में डूब गए हैं. कुपड़ा गाड़ के मलबे ने यमुना नदी का मुहाना बंद कर दिया है. झील से पानी निकालना बेहद जरूरी है. लेकिन अगर झील फटती है, तो यमुना नदी का वेग बढ़ जाएगा, जिससे तटीय इलाकों को भारी नुकसान हो सकता है.
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोटर पुल और सड़क पानी में डूब गए. कालिंदी में एक दो मंजिला होटल, एक चार मंजिला होटल पानी में डूब गए. स्यांचट्टी में पुलिस चौकी की एक मंजिला इमारत पानी में डूब गई. जीएमवीएन गेस्ट हाउस पानी में डूब गया. स्यांचट्टी स्थित बड़े पार्किंग स्थल के पास यमुना नदी का पानी पहुंच गया.
झील का पानी जूनियर हाई स्कूल के मैदान तक पहुंच गया. झील में छेद करना एक बड़ी चुनौती है. बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ पहले से ही मौजूद हैं. झील में छेद करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि पानी लगातार बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटों में, जो पुल पहले साफ़ दिखाई दे रहा था, वह पूरी तरह डूब गया है.
इस कृत्रिम झील में इतना पानी है कि होटल 25 फीट गहरे पानी में डूब गया है. पहले नदी 10-15 फीट गहरी बहती थी. झील में छेद करके आस-पास के लोगों को बचाने के लिए एक टीम मौके पर मौजूद है. ताकि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके. सपानी निकालने की कोशिश की जा रही है. लेकिन यहां एक और बाढ़ आ गई है. हालांकि, इसने अपना रास्ता बदल दिया है. सुकून की बात यह है कि रास्ता दूसरी तरफ चला गया है. कोशिश की जा रही है कि किसी तरह झील से पानी निकाला जाए.