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उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलने की साजिश का पर्दाफाश, नैनीताल में फर्जी दस्तावेजों का गैंग गिरफ्तार

उत्तराखंड पुलिस ने नैनीताल के वनभूलपुरा में डेमोग्राफी बदलने की साजिश बेनकाब की. गिरोह सीएससी के जरिए फर्जी स्थायी निवास और विवाह प्रमाण पत्र बना रहा था. तीन गिरफ्तारियों से इस लंबे समय की चिंता सामने आई.

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Edited By: Princy Sharma
Nainital India Daily
Courtesy: Pinterest

नैनीताल: उत्तराखंड पुलिस ने नैनीताल के वनभूलपुरा इलाके की डेमोग्राफी बदलने की एक चौंकाने वाली साजिश का पर्दाफाश किया है. विशेष पुलिस इकाई की जांच में पता चला है कि एक गिरोह कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र और विवाह दस्तावेज बना रहा था. तीन प्रमुख सदस्यों की गिरफ्तारी ने इस क्षेत्र में डेमोग्राफी हेरफेर की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को उजागर किया है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने संवाददाताओं को बताया कि वनभूलपुरा लंबे समय से डेमोग्राफी परिवर्तन की चिंताओं का केंद्र रहा है. गिरफ्तार किए गए लोग एक सुसंगठित गिरोह का हिस्सा थे जो अवैध रूप से स्थायी निवास प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज  तैयार करने में शामिल था. इस गिरोह का मास्टरमाइंड फैजान स्थानीय तहसील में अराज़्नवीस के पद पर कार्यरत है और सरकारी डेटा तक उसकी पूरी पहुंच थी, जिसका इस्तेमाल उसने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए किया.

कौन-कौन लोग थे शामिल?

एक अन्य सदस्य रईस, आधार कार्ड का इस्तेमाल करके फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र और विवाह दस्तावेज बनाने के लिए जिम्मेदार था. तीसरा आरोपी, दिनेश, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में काम करता है और उसने जालसाजी के लिए जरूरी पुराने बिजली बिल उपलब्ध कराकर मदद की. यह योजना चरणबद्ध तरीके से काम करती थी. एक व्यक्ति फैजान को अपना नाम बताता था, जिसके बाद दिनेश उस व्यक्ति का पुराना बिजली बिल, सरकारी मुहर सहित, तैयार करता था. 

कैसे करते थे हेराफेरी

फिर फैजान इन जाली दस्तावेजों को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करके अवैध रूप से स्थायी निवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेता था. एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने इस कार्रवाई को एक बड़ा खुलासा बताया, जिसमें इलाके की जनसांख्यिकीय संरचना में जानबूझकर हेरफेर करने की कोशिशों को दर्शाया गया है. इस मामले ने स्थानीय अधिकारियों को झकझोर कर रख दिया है और यह उजागर किया है कि व्यवस्था के भीतर भ्रष्ट व्यक्ति कितनी आसानी से सार्वजनिक अभिलेखों का दुरुपयोग कर सकते हैं.

पुलिस ने किया सख्त कार्रवाई का वादा 

पुलिस ने गहन जांच का वादा किया है और चेतावनी दी है कि आधिकारिक अभिलेखों में हेराफेरी करने या जनसांख्यिकीय पैटर्न को अवैध रूप से बदलने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी डेटाबेस के संभावित दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है. अधिकारी अब यह सुनिश्चित करने के लिए इलाके में जारी किए गए सभी निवास और विवाह प्रमाणपत्रों की समीक्षा कर रहे हैं कि आगे कोई हेराफेरी न हुई हो.