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उत्तराखंड में महिलाओं को बिना मंजूरी के नहीं दी जाएगी नाइट शिफ्ट, सरकार ने जारी किए ये जरूरी नियम

उत्तराखंड सरकार ने अब महिलाओं को नाइट शिफ्ट में तभी काम करने की अनुमति दी है, जब वे लिखित रूप से सहमति दें. यह बदलाव कैबिनेट द्वारा मंजूर कर 2022 के नियमों में जोड़ा गया.

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Edited By: Princy Sharma
Uttarakhand India Daily
Courtesy: Grok

उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं को मजबूत बनाने और काम की जगह पर सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. सरकारी नौकरियों में महिलाओं को पहले से ही रिजर्वेशन दिया जाता था, लेकिन अब राज्य ने एक कदम और आगे बढ़ाया है. अब से, किसी भी महिला को नाइट शिफ्ट में तब तक काम नहीं दिया जाएगा जब तक वह लिखकर मंजूरी न दे. इस जरूरी बदलाव को बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दी गई और इसे उत्तराखंड शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट्स रूल्स, 202 में जोड़ दिया गया है.

2022 में, राज्य ने महिलाओं को पुरुषों की तरह नौकरी के बराबर मौके देने के लिए ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत दी थी. हालांकि, बाद में यह देखा गया कि कुछ महिलाओं को उनके न चाहने पर भी नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित और सही बनाने का फैसला किया.

क्या कहते हैं नए मुताबिक?

नए नियम के मुताबिक, महिलाओं को रात 9:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच तभी काम करने दिया जाएगा जब वे पहले से लिखकर मंजूरी देंगी. सरकार ने देर रात तक काम करते समय महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए कई सुरक्षा शर्तें भी जरूरी कर दी हैं.

जरूरी सुरक्षा नियम

  1. एक रात की शिफ्ट में कम से कम तीन महिला कर्मचारियों को एक साथ काम पर रखा जाना चाहिए. किसी भी महिला को रात में अकेले काम करने के लिए नहीं कहा जा सकता.
  2. काम की जगह पर महिलाओं के लिए अलग रेस्ट रूम होना चाहिए.
  3. अगर किसी काम करने वाली महिला का बच्चा है, तो उसके लिए एक सही बच्चों की देखभाल का कमरा (क्रेच) होना चाहिए.
  4. एक साफ और सुरक्षित महिलाओं का टॉयलेट होना चाहिए.
  5. हर उस काम की जगह पर जहां महिलाएं रात की शिफ्ट में काम करती हैं, यौन उत्पीड़न के मामलों को संभालने के लिए एक इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी बनानी होगी.

सरकार का क्या है मानना?

ये सुरक्षा उपाय न सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा के लिए बल्कि उन्हें ज्यादा रोजगार के मौके देने और आर्थिक आजादी को बढ़ावा देने के लिए भी बनाए गए हैं. सरकार का मानना ​​है कि इससे काम की जगहों पर जेंडर इक्वालिटी पक्की होगी, जिससे महिलाएं रात के समय कॉन्फिडेंस और आराम से काम कर सकेंगी. इस फैसले के साथ, उत्तराखंड का मकसद महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, सही और ज्यादा सपोर्टिव काम का माहौल बनाना है.