हरिद्वार: शादी के सीजन के बीच हरिद्वार में खाद्य सुरक्षा और पुलिस टीम ने बड़ी कार्रवाई की. अलीगढ़ से लाई जा रही 700 किलो पनीर को नारसन बॉर्डर पर पकड़ा गया. वाहन में नंबर प्लेट नहीं थी और चालक के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे.
खाद्य सुरक्षा विभाग ने पनीर को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया और मौके पर ही नष्ट कर दिया. जांच के लिए पनीर के दो सैंपल भी सुरक्षित रखे गए हैं.
बुधवार देर रात नारसन बॉर्डर पर पुलिस की टीम चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान बिना नंबर प्लेट वाले वाहन को रोका गया. वाहन की तलाशी में पांच ड्रम और दो पानी वाली टंकियों में भरा पनीर बरामद हुआ. चालक के पास पनीर से संबंधित कोई बिल, फूड सेफ्टी प्रमाणपत्र या वैध दस्तावेज नहीं थे. यह पनीर ज्वालापुर और देहरादून के लिए सप्लाई किया जाना था.
पुलिस की सूचना पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी पवन कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने पनीर की जांच की. प्रथम दृष्टया पनीर अस्वच्छ, गुणवत्ता के विपरीत और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया. रंग हल्का भूरा हो चुका था और पानी में दुर्गंध आ रही थी. अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह पनीर खाने योग्य नहीं था और इसे नष्ट करना आवश्यक था.
खाद्य सुरक्षा अधिकारी के निर्देशन में पुलिस की मौजूदगी में पनीर को जेसीबी से गड्ढा खोदकर मौके पर ही नष्ट किया गया. नष्ट किए गए पनीर की कुल मात्रा लगभग 700 किलोग्राम थी. इस कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया गया कि यह अस्वच्छ और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पनीर बाजार में न पहुंच सके.
नारसन चौकी प्रभारी हेमदत्त भारद्वाज ने बताया कि चालक को वाहन के साथ चौकी लाया गया. उसके खिलाफ पनीर को बिना दस्तावेज और स्वास्थ्य मानकों के खिलाफ लाने का मामला दर्ज किया गया. इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग की यह कार्रवाई न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि भविष्य में अवैध और अस्वच्छ खाद्य सामग्री के कारोबार को रोकने में भी मददगार है. अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध खाद्य सामग्री की सूचना तुरंत दें ताकि स्वास्थ्य जोखिम को कम किया जा सके.