menu-icon
India Daily

धराली के बाद उत्तराखंड के सुक्की के पास बादल फटा, वीडियो में देखें भागीरथी नदी का रौद्र रूप

उत्तरकाशी का धराली गांव, जो गंगोत्री धाम के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, हाल के दिनों में बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहा है. सुखी टॉप, जो धराली के निकट एक ऊंचाई वाला क्षेत्र है, वहां बादल फटने की सूचना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को हाई अलर्ट पर ला दिया है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Dharali
Courtesy: Social Media

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. जिला प्रशासन के अनुसार, धराली के सुखी टॉप क्षेत्र में मंगलवार को एक और बादल फटने की घटना सामने आई है. हालांकि, इस ताजा घटना के बारे में अभी विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं.

उत्तरकाशी का धराली गांव, जो गंगोत्री धाम के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, हाल के दिनों में बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहा है. सुखी टॉप, जो धराली के निकट एक ऊंचाई वाला क्षेत्र है, वहां बादल फटने की सूचना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को हाई अलर्ट पर ला दिया है. जिला प्रशासन ने बताया कि खीर गंगा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण धराली और आसपास के क्षेत्रों में पहले से ही भारी नुकसान हुआ है. अब सुखी टॉप में बादल फटने की घटना ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है.

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने पुष्टि की कि सुखी टॉप में बादल फटने की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं. एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), स्थानीय पुलिस, और सेना की टीमें तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हो गई हैं. प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं. 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "धराली और आसपास के क्षेत्रों में बादल फटने से हुए नुकसान की खबर अत्यंत दुखद है. हमारी टीमें राहत और बचाव कार्यों में पूरी ताकत से जुटी हैं. मैं स्थिति पर नजर रखे本体 हूं और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद दी जाएगी." 

क्षेत्र में पहले से ही तबाही का मंजर

धराली और हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़ी घटना ने भारी तबाही मचाई थी. खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ और मलबे ने धराली बाजार, कई घरों, होटलों और होमस्टे को तहस-नहस कर दिया था. इस आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, जबकि दर्जनों लोग लापता बताए गए थे. सुखी टॉप में ताजा घटना ने प्रशासन की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. 

मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के अनुसार, उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है. उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, और अन्य जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों में ग्लोबल वार्मिंग और अनियोजित निर्माण कार्यों के कारण बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं. 

लोगों से सतर्कता की अपील
उत्तरकाशी पुलिस और प्रशासन ने लोगों से नदियों, नालों और कमजोर ढलानों से दूर रहने की सलाह दी है. साथ ही, स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों से मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है. गंगोत्री धाम का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है, जिसके कारण स्थिति और जटिल हो गई है.