पिछले साल नवंबर में संभल की शाही जामा मस्जिद के पास भड़की हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और 22 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार विश्नोई ने गुरुवार (19 जून, 2025) को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस इस मामले में प्रभावी अभियोजन चलाएगी ताकि दोषियों को जल्द सजा मिले.
सांसद बर्क पर गंभीर आरोप
एसपी विश्नोई ने बताया, "सांसद जिया-उर-रहमान बर्क पर इस मामले में आरोप लगाए गए हैं. चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि बर्क और शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली के बीच देर रात बातचीत हुई थी. वे 22 नवंबर को भीड़ जुटाने के लिए जिम्मेदार थे, जो व्यापक हिंसा से दो दिन पहले की बात है." उन्होंने कहा, "चार्जशीट व्यापक जांच के दौरान जुटाए गए ठोस सबूतों पर आधारित है."
12 मामलों में चार्जशीट दाखिल
विश्नोई ने पुष्टि की कि इस घटना के बाद कुल 12 मामले दर्ज किए गए, जिनमें सात पुलिस द्वारा और पांच नागरिकों की शिकायतों पर आधारित थे. सभी मामलों में अब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. उन्होंने बताया कि अपराध पुनर्रचना रिपोर्ट, बैलिस्टिक रिपोर्ट और विदेशी कारतूसों की बैलिस्टिक जांच सहित सभी जरूरी सबूत अदालत में जमा किए गए हैं. ये सबूत सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण होंगे.
हिंसा का कारण और नुकसान
24 नवंबर, 2024 को संभल के कोट गरवी क्षेत्र में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित शाही जामा मस्जिद के कोर्ट-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच झड़प हो गई थी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई और 29 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए.
कानूनी कार्रवाई और जांच
चार्जशीट चंदौसी जिला अदालत परिसर में सिविल जज (वरिष्ठ खंड) की एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल की गई, जो कोतवाली संभल थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 335/2024 से संबंधित है. इस एफआईआर में सांसद बर्क, सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहैल इकबाल और 700-800 अज्ञात लोगों के नाम शामिल थे. हालांकि, जांच में सोहैल इकबाल की संलिप्तता नहीं पाई गई, इसलिए उन्हें अंतिम चार्जशीट से बाहर रखा गया. अब तक इस मामले में 92 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.