ड्रोन खरीदने का है प्लान तो जरूरी पढ़ें ये नियम, सरकारी पोर्टल पर करना होगा रजिस्टर; योगी सरकार का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश में अब बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है. चोरी-छिपे ड्रोन उड़ाने पर तुरंत सुरक्षा रडार पर पकड़ हो जाएगी. योगी सरकार ने निगरानी बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाया है. अब खरीदार और विक्रेता दोनों को ड्रोन की जानकारी सरकारी पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करनी होगी.
Uttar Pradesh Drone Rules: उत्तर प्रदेश में बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाना अब सख्त रूप से मना हो गया है. अगर आप चोरी-छिपे ड्रोन उड़ाने की कोशिश करेंगे, तो तुरंत सुरक्षा रडार पर आ जाएंगे! CM योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य भर में सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.
अब, ड्रोन खरीदने या इस्तेमाल करने वाले किसी भी व्यक्ति को उसे एक विशेष सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. विक्रेताओं को भी खरीदार का पूरा डिटेल पोर्टल पर अपलोड करना होगा.
10 जिलों में शुरू है नियम
पायलट प्रोजेक्ट के तहत, यह व्यवस्था गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा और पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के अंतर्गत आने वाले अन्य 10 प्रमुख जिलों में शुरू हो चुकी है. बाद में, यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जाएगी. राज्य ने यूपी उड़ान (यूनिफाइड ड्रोन एप्लीकेशन एंड ऑथराइजेशन नेटवर्क) नामक एक आधिकारिक पोर्टल लॉन्च किया है, जो अब https://udaan.up.gov.in पर उपलब्ध है. यह पोर्टल ड्रोन से जुड़ी हर चीज को संभालेगा अनुमति, बिक्री, निगरानी से लेकर पंजीकरण तक.
क्या है नियम?
यह 4 अगस्त, 2026 तक एक परिचालन सहायता अवधि के तहत सक्रिय रहेगा. अब से, बिना पंजीकरण के कोई भी ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकेगा. लखनऊ स्थित राज्य सुरक्षा मुख्यालय ने चुनिंदा जिलों के पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्हें सभी ड्रोन उपयोगकर्ताओं और विक्रेताओं के लिए पंजीकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रत्येक जिले को एक 'ड्रोन रजिस्टर' बनाए रखना होगा और ड्रोन से जुड़ी सभी जानकारी यूपी उड़ान पोर्टल पर अपडेट करनी होगी. यह सिर्फ नियमों की बात नहीं है, यह सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे सर्वेक्षण, यातायात निगरानी और आपदा प्रतिक्रिया में भी मदद मिलेगी.
इस प्रणाली को ओमनीनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है, जिसका दावा है कि यह प्लेटफॉर्म ड्रोन संचालन को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और जवाबदेह बनाएगा. प्रत्येक पंजीकृत ड्रोन का एक डिजिटल रिकॉर्ड होगा, और अगर कोई ड्रोन बिना अनुमति के उड़ता हुआ या संदिग्ध गतिविधियां करता हुआ पाया जाता है, तो सुरक्षा एजेंसियां तुरंत कार्रवाई कर सकेंगी.
इन 10 बड़े जिलों में पायलट प्रोजेक्ट सक्रिय
- गोरखपुर
- लखनऊ
- अयोध्या
- मथुरा
- कानपुर
- प्रयागराज
- वाराणसी
- आगरा
- गौतमबुद्ध नगर
- गाजियाबाद
पुलिस का क्या कहना है?
यहां सफल परीक्षण के बाद, इस प्रणाली को पूरे राज्य में लागू करने की योजना है. एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि हर ड्रोन पंजीकृत हो. अकेले गोरखपुर में ही 171 ड्रोन पंजीकृत हो चुके हैं और और भी पंजीकृत होने की प्रक्रिया में हैं. सरकार की ओर से स्पष्ट दिशानिर्देश भी हैं कि पंजीकृत ड्रोन कहां और कितनी ऊंचाई पर उड़ाए जा सकते हैं. इन नियमों के विरुद्ध ड्रोन उड़ाने वाले किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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