Durgapur Gangrape Case: पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. यह घटना कोलकाता से लगभग 170 किलोमीटर दूर दुर्गापुर के शोभापुर के पास एक निजी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा से जुड़ी है. ओडिशा के जलेश्वर की मूल निवासी पीड़िता के साथ शुक्रवार देर शाम अस्पताल की इमारत के पीछे के इलाके में बलात्कार किया गया.
सूत्रों के अनुसार, छात्रा रात करीब साढ़े आठ बजे अपने एक पुरुष मित्र के साथ परिसर से बाहर निकली थी. परिसर के गेट के पास एक व्यक्ति उसे कथित तौर पर अस्पताल के पीछे एक सुनसान जगह पर खींचकर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया.
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. छात्र को मेडिकल जाच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वह फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में है.
इस मामले की तुलना 2024 के आर.जी. कार मेडिकल कॉलेज त्रासदी से की जा रही है, जहां एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद पूरे राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए.
पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों और छात्रा के साथ आए उसके पुरुष मित्र सहित कई लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है. जांचकर्ता परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज और सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फ्रंट (WBDF) ने इस अपराध की निंदा करते हुए इसे एक और डरावना अनुस्मारक बताया कि महिलाएं शैक्षणिक संस्थानों में भी असुरक्षित हैं. समूह ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग की और भारत के मुख्य न्यायाधीश से मामले का संज्ञान लेने और न्यायिक जांच का आदेश देने का आग्रह किया.
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर उड़िया में पोस्ट किया, 'मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को पश्चिम बंगाल सरकार से संपर्क करने और आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. ओडिशा सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.' उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई करने का आह्वान किया.
इस बीच, भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर तीखा राजनीतिक हमला बोला और उस पर राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में लगातार विफल रहने का आरोप लगाया. भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, 'पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. जब तक टीएमसी सरकार को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता, तब तक राज्य भर की महिलाएं डर के साये में जीती रहेंगी. ममता बनर्जी को 2026 में जाना ही होगा.'
आलोचनाओं से बेपरवाह, पश्चिम बंगाल की मंत्री और टीएमसी नेता शशि पांजा ने पलटवार करते हुए भाजपा पर एक संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. पांजा ने कहा, 'क्या यहां राजनीति के लिए कोई जगह है? ओडिशा में उन लड़कियों का क्या जिन्होंने खुद को आग लगा ली? जब मणिपुर जल रहा था या जब स्वर्ण पदक विजेता महिलाओं ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था, तब ये आवाज़ें कहां थीं? भाजपा से कहो कि बंगाल में अपनी दुकान बंद करे. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है."
समाजवादी पार्टी की सांसद और तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी डिंपल यादव भी भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की ओर इशारा करते हुए इस मुद्दे पर उतर आईं. उन्होंने एएनआई से कहा, 'ये घटनाएं सिर्फ़ पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं हैं. उत्तर प्रदेश में पिछले 10 सालों में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध दोगुने से भी ज़्यादा हो गए हैं. सरकारों को इस सामाजिक विफलता की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए.'