वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का उद्घाटन किया. ये ट्रेने बृंदावन-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर- दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु रूट्स पर चलेंगी, जो यात्रियों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प प्रदान करेंगी.
ध्वजारोहण समारोह में अपने भाषण में, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के विकास में बुनियादी ढांचे के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि अच्छा बुनियादी ढांचा शहरों के विकास में मदद करता है और उनके निवासियों के जीवन स्तर में सुधार करता है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन लोगों को एक साथ ला सकता है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकता है. चलिए चार नई वंदे भारत ट्रेनों के बारे में डिटेल में जानते हैं. इससे पहले देखिए PM मोदी ने किस तरह वंदे भारत को दिखाई हरी झंडी.
#WATCH | Varanasi, UP | PM Narendra Modi flags off four new Vande Bharat Express trains from Banaras Railway Station
— ANI (@ANI) November 8, 2025
The new Vande Bharat Express trains will operate on the Banaras–Khajuraho, Lucknow–Saharanpur, Firozpur–Delhi, and Ernakulam–Bengaluru routes
(Source: DD) pic.twitter.com/2GfI45aVGt
यह ट्रेन दो प्रसिद्ध सांस्कृतिक शहरों, वाराणसी और खजुराहो को जोड़ेगी. यह यात्रा केवल 2 घंटे 40 मिनट में पूरी करेगी, जो मौजूदा ट्रेनों की तुलना में बहुत तेज है. यह ट्रेन प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को भी जोड़ेगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और तीर्थयात्रियों के लिए इन स्थलों की यात्रा आसान हो जाएगी.
यह ट्रेन लखनऊ और सहारनपुर के बीच यात्रा के समय को लगभग एक घंटे कम कर देगी, जिससे यात्रा पूरी होने में लगभग 7 घंटे 45 मिनट लगेंगे. इससे बरेली, मुरादाबाद और बिजनौर जैसे विभिन्न शहरों के यात्रियों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी. यह सेवा रुड़की होते हुए हरिद्वार तक भी बेहतर पहुंच प्रदान करेगी.
यह ट्रेन फिरोजपुर-दिल्ली मार्ग पर सबसे तेज़ होगी, जिससे यह दूरी केवल 6 घंटे 40 मिनट में तय होगी. यह दिल्ली और पंजाब के शहरों, जिनमें फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला शामिल हैं, के बीच संपर्क में सुधार लाएगा और इस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा.
एर्नाकुलम (केरल) और बेंगलुरु (कर्नाटक) के बीच नई वंदे भारत ट्रेन यात्रा के समय को दो घंटे से ज़्यादा कम कर देगी, जिससे यह यात्रा 8 घंटे 40 मिनट में पूरी हो जाएगी. यह ट्रेन दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों और व्यावसायिक केंद्रों को जोड़ेगी, जिससे पेशेवरों, छात्रों और पर्यटकों के लिए केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच यात्रा करना आसान हो जाएगा.