नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के लिए आएंगे, जो भव्य मंदिर के निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है. इस कार्यक्रम के बाद, जिसे कई लोग प्रतीकात्मक "दूसरी प्राण प्रतिष्ठा" बता रहे हैं, प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे.
त्रिकोणीय ध्वज का फहराया जाना जनवरी 2024 में राम लला को गर्भगृह में प्रतिष्ठित करने के बाद राम मंदिर के पूरा होने की औपचारिक घोषणा का प्रतीक है. उनके दौरे से पहले अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए एटीएस, एनएसजी स्नाइपर्स, साइबर विशेषज्ञों और तकनीकी टीमों के कमांडो समेत कुल 6,970 सुरक्षाकर्मियों को शहर में तैनात किया गया है.
उनका कार्यक्रम सुबह करीब 10 बजे सप्त मंदिर से शुरू होगा. दोपहर ठीक 12 बजे पीएम मोदी रामलला मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार दोपहर 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज फहराएंगे. इस ध्वज पर भगवान राम के तेज और पराक्रम का प्रतीक एक दीप्तिमान सूर्य की छवि अंकित है, जिस पर 'ॐ' और कोविदारा वृक्ष की छवि अंकित है.
ध्वजारोहण से पहले भगवान राम के दर्शन के लिए सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे. इस अवसर पर बड़ी संख्या में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों के आने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भगवा ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा तथा राम राज्य के आदर्शों को मूर्त रूप देगा.
ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर स्थापत्य शैली में निर्मित 'शिखर' के ऊपर फहराया जाएगा, जबकि आसपास का 800 मीटर का परकोटा मंदिर की विविध वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा.
अपने अयोध्या प्रवास के दौरान पीएम मोदी सप्तमंदिर जाएंगे, जिसमें महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मिकी, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से संबंधित मंदिर हैं. प्रधानमंत्री शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर भी जाएंगे, जहां वे राम दरबार गर्भ गृह में दर्शन और पूजा करेंगे. यह आयोजन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी तिथि को होता है, जो श्री राम और माता सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ मेल खाता है.
अयोध्या मंदिर और शहर को भव्य पुष्प सजावट से सजाया जा रहा है, इस पवित्र आयोजन के लिए अयोध्या को सजाने में लगभग 100 टन फूलों का उपयोग किया जा रहा है. पीएम मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर में 'भूमि पूजन' किया था और 22 जनवरी, 2024 को 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह आयोजित किया गया था.