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India Daily

10,000 साल बाद हुए ज्वालामुखी विस्फोट ने बदला IndiGo की फ्लाइट का रूट, अहमदाबाद में करानी पड़ी लैंडिंग

इथियोपिया में 10,000 साल बाद हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इंडिगो की कन्नूर–अबू धाबी फ्लाइट को अहमदाबाद डायवर्ट किया गया. अकासा एयर और भारतीय एविएशन टीमें स्थिति पर नजर रख रही हैं, जबकि कई रूट्स में एहतियाती बदलाव किए गए.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
ethiopia volcano AI Generated Image
Courtesy: Gemini AI

नई दिल्ली: इथियोपिया में हजारों साल बाद फटे ज्वालामुखी का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर दिखने लगा है. सोमवार को कन्नूर से अबू धाबी जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट को सुरक्षा कारणों से अहमदाबाद डायवर्ट करना पड़ा. बताया जा रहा है कि यह ज्वालामुखी लगभग 10,000 साल बाद पहली बार सक्रिय हुआ है, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय एविएशन एजेंसियों ने कई रूट्स पर एडवाइजरी जारी की है.

सुरक्षित लैंडिंग, यात्रियों के लिए रिटर्न फ्लाइट की व्यवस्था

इंडिगो की यह एयरबस बिना किसी समस्या के अहमदाबाद हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतर गई. एयरलाइन ने आधिकारिक बयान में कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया. कंपनी ने पुष्टि की कि जल्द ही यात्रियों के लिए कन्नूर वापस लौटने की अलग व्यवस्था की जाएगी, ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो.

इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बने ऐश क्लाउड (राख के बादल) विमान संचालन के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं, इसलिए रूट में बदलाव आवश्यक था.

अकासा एयर ने जारी किया ट्रैवल अपडेट

इसी घटना के मद्देनजर अकासा एयर ने भी एक महत्वपूर्ण ट्रैवल एडवाइजरी जारी की. एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि वह इथियोपिया में ज्वालामुखी की गतिविधि और उसके आसपास के रूट्स पर संभावित प्रभाव पर लगातार निगरानी रख रही है.

एयरलाइन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा

हम इथियोपिया में ज्वालामुखी की गतिविधि और प्रभावित क्षेत्रों के हवाई मार्गों पर इसके असर का बारीकी से आकलन कर रहे हैं. हमारी टीमें अंतरराष्ट्रीय एविएशन एडवाइजरी और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार जरूरी कदम उठाती रहेंगी. यात्रियों की सुरक्षा और भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

दिल्ली और जयपुर से आने-जाने वाली उड़ानों पर भी संभावित असर

भारतीय एविएशन अधिकारी और प्रमुख एयरलाइंस इस स्थिति को लेकर सतर्क हैं. सोमवार शाम से लगातार यह मॉनिटर किया जा रहा है कि ज्वालामुखी के धुएं और राख का असर दिल्ली और जयपुर के वायु मार्गों पर कितना पड़ेगा. सूत्रों के अनुसार, कुछ अंतरराष्ट्रीय सेवाओं ने ऐहतियातन अपने रूट बदल दिए हैं ताकि विमान राख के बादलों से न गुजरें, क्योंकि ये इंजन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.

एविएशन सेक्टर में बढ़ी सतर्कता

ज्वालामुखी विस्फोट की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि प्राकृतिक घटनाएं अंतरराष्ट्रीय विमानन गतिविधियों को कितनी गहराई से प्रभावित कर सकती हैं. भारतीय एयरलाइंस और अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और आवश्यकता पड़ने पर रूट संशोधन से लेकर उड़ान रद्द करने तक हर कदम उठाने के लिए तैयार हैं.