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Pandit Ji Vaishno Dhaba: सनव्वर और आदिल चला रहे थे पंडित जी वैष्णो ढाबा, पूर्व मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज

Pandit Ji Vaishno Dhaba: मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ पर शुरू हुआ विवाद तूल पकड़ रहा है. ढाबे के मालिक सनव्वर, उनके बेटे आदिल, जुबैर और दो दूरे लोगों के खिलाफ पुलिस ने पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र के साथ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है.

Imran Khan claims
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Pandit Ji Vaishno Dhaba: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ पर शुरू हुआ विवाद तूल पकड़ रहा है. ढाबे के मालिक सनव्वर, उनके बेटे आदिल, जुबैर और दो दूरे लोगों के खिलाफ पुलिस ने पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र के साथ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है. धर्मेंद्र ने आरोप लगाया, 'मैंने खुलासा किया था कि हिंदू नाम वाला यह ढाबा एक मुस्लिम चला रहा है, इसलिए मेरे साथ मारपीट की गई.' यह मामला दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित ढाबे पर रविवार, 29 जून 2025 को हुई घटना से जुड़ा है, जब स्वामी यशवीर महाराज की टीम ने ढाबे पर पहचान जांच अभियान चलाया था.

स्वामी यशवीर महाराज की 500 लोगों की टीम ने कांवड़ मार्ग पर ढाबों और होटलों की जांच शुरू की थी. रविवार को ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ पर पहुंचकर टीम ने कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगा. जब कर्मचारी गोपाल ने आधार नहीं दिखाया, तो उसकी पैंट उतारकर धर्म जांचने की कोशिश का आरोप लगा. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यह घटना चर्चा का विषय बनी. यशवीर महाराज ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'हमारी टीम ने कोई गलत काम नहीं किया. हम शिव भक्तों की आस्था की रक्षा कर रहे हैं.' पुलिस ने यशवीर की टीम के छह सदस्यों—सुमित बहरागी, रोहित, विवेक, सुमित, सनी और राकेश—को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है.

धर्मेंद्र पर हमले का मामला  

धर्मेंद्र ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ढाबे के मालिक सनव्वर की असल पहचान उजागर की थी, जिसके बाद रविवार रात सनव्वर, आदिल, जुबैर और अन्य ने उन्हें बंधक बनाकर पीटा. नई मंडी कोतवाली पुलिस ने धर्मेंद्र की तहरीर पर चार नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की है. कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद भागल ने कहा, 'मामले की जांच चल रही है. सभी कानूनी पहलुओं को देखकर कार्रवाई होगी.' पुलिस के अनुसार, ढाबे की मालकिन मेरठ की दीक्षा शर्मा हैं, जिन्होंने सनव्वर के साथ संचालन का एग्रीमेंट किया था.

सियासी तूल और विपक्ष का हमला  

इस घटना ने सियासी रंग ले लिया है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया, 'मुजफ्फरनगर में सालों से ढाबे चल रहे हैं. कांवड़ यात्रा पहले भी शांतिपूर्वक होती थी. अब अचानक आधार कार्ड और पैंट उतारने की बात क्यों? पुलिस का काम परेशान करने वालों को पकड़ना है, लेकिन प्रशासन तमाशा बना रहा है.' उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि किसी को धर्म या नाम बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने इसे 'आतंकवाद का रूप' बताया और कहा, 'यह धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए शर्मनाक है.' जवाब में BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'एसटी हसन उन लोगों का समर्थन क्यों कर रहे हैं जो अपनी पहचान छिपाते हैं? वे अपना एंटी-मोदी चश्मा उतारें.'

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