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कैश, सोना, मोबाइल फोन..., करवा चौथ का व्रत खोलकर 12 दुल्हनों ने लूटा घर, लाखों की चोरी कर हुई फरार; जानें पूरा मामला

करवा चौथ की रात, अलीगढ़ के सासनी गेट में 12 नवविवाहित दुल्हनें एक संगठित ठगी का शिकार बनीं. दुल्हनों ने व्रत के बाद परिवारों के खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर उन्हें बेहोश किया और लाखों की नकदी, सोने-चांदी और मोबाइल फोन लेकर फरार हो गईं. घरों में तोड़फोड़ हुई, लेकिन दुल्हनें गायब हो गईं.

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Edited By: Princy Sharma
Karwa Chauth 2025
Courtesy: Pinterest

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ की रात, जब देश भर में विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रख रही थीं, अलीगढ़ में एक अपराध हुआ जिसने विश्वास और रिश्तों को जड़ से हिलाकर रख दिया. एक डकैती में, 12 नवविवाहित दुल्हनें लाखों की नकदी और गहने लेकर गायब हो गईं, जिससे उनके ससुराल वाले सदमे में आ गए.

यह अपराध सासनी गेट इलाके में हुआ, जहां कई परिवार इसी तरह की ठगी का शिकार हुए. हाल ही में शादी करने वाली दुल्हनों ने करवा चौथ की रस्में निभाईं व्रत रखा, छलनी से चांद दिखाया और प्रेम और श्रद्धा के साथ पूजा की. लेकिन जब रात खत्म हुई, तो एक चौंकाने वाला विश्वासघात सामने आया. दुल्हनों ने चुपके से परिवार के खाने में कोई नशीली दवा मिला दी थी, जिससे सभी बेहोश हो गए. परिवारों के सो जाने के बाद, दुल्हनें जल्दी से नकदी, सोना और मोबाइल फोन जैसे कीमती सामान समेटकर रात में गायब हो जाती थीं. सुबह तक, घरों में तोड़फोड़ हो चुकी थी और दुल्हनें कहीं नहीं मिलीं.

दुल्हनों के पीछे तस्करों का एक खतरनाक नेटवर्क

इस मामले को और भी खतरनाक बनाता है कि यह कोई अचानक हुआ काम नहीं था, बल्कि एक संगठित गिरोह का काम था. पुलिस ने खुलासा किया कि इन 12 दुल्हनों को बिहार और झारखंड से बिचौलियों के जरिए लाया गया था, जिन्होंने उनकी शादी अमीर परिवारों में करवाने का वादा किया था. शादी की व्यवस्था के लिए परिवारों से ₹80,000 से ₹1.5 लाख तक लिए गए थे. इन महिलाओं ने शुरू में खुद को विनम्र और सरल बताया था और अपनी सास के साथ मंदिर जाकर और घर के कामों में मदद करके अपने ससुराल वालों का दिल जीत लिया था.

30 लाख रुपये का घोटाला

परिवारों को जब इस भयावह घटना का एहसास हुआ, तभी उन्हें इस घोटाले के बड़े पैमाने का एहसास हुआ. इस डकैती में कुल नुकसान ₹30 लाख से ज्यादा का होने का अनुमान है, जिसमें सोने के गहने, नकदी और मोबाइल फोन भी शामिल हैं. कुछ मामलों में, परिवारों को दहेज की रकम भी गंवानी पड़ी. एक पीड़ित ने बताया कि कैसे, शादी के सिर्फ दस दिन बाद, जब उसकी दुल्हन ने करवा चौथ की रस्में प्यार और देखभाल से निभाईं, तो उसे लगा कि उसकी किस्मत बदल गई है. लेकिन अगली सुबह, सब कुछ गायब हो गया था और उसकी दुल्हन कहीं नहीं मिली.

दुल्हनों के पीछे छिपे एजेंट

इस पूरी योजना का सबसे परेशान करने वाला हिस्सा विवाह दलालों की भूमिका थी, जिन्होंने ये शादियां तय की थीं. दुल्हनों के गायब होने के बाद, परिवारों ने दलालों को फोन करने की कोशिश की, लेकिन पता चला कि उनके फोन नंबर या तो बंद थे या अब सेवा में नहीं थे. पुलिस अब मान रही है कि यह एक बड़े, रैकेट का हिस्सा था. इन एजेंटों ने दुल्हनों को ऐसे घरों में रखा था जहां पुरुष या तो बूढ़े थे या पत्नियां ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे थे, कुछ इलाकों में विषम लिंग अनुपात का फायदा उठाते हुए.

भारत में दुल्हन रैकेट का बढ़ता चलन

यह कोई अकेली घटना नहीं है. जांचकर्ताओं का कहना है कि ऐसे रैकेट उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों, जैसे हाथरस, बुलंदशहर और बदायूं में भी सक्रिय रहे हैं, जहां ऐसी ही घटनाएं घटित हुई हैं. हालांकि, इस बार इसे अपनी तरह का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा रहा है.

जैसे ही पुलिस ने जांच शुरू की, उन्हें पता चला कि यह एक ऐसा नेटवर्क है जो बिहार, झारखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके और परिवारों को गुमराह करके काम कर रहा है. अब उन्होंने लापता महिलाओं की तलाश और इस रैकेट के पीछे के एजेंटों का पता लगाने के लिए देशव्यापी खोज शुरू कर दी है.

इस घोटाले से प्रभावित परिवार, जो कभी करवा चौथ को एक खुशी के मौके के रूप में मनाते थे, अब खुद को दिल टूटने, विश्वासघात और गहरे नुकसान की भावना से जूझते हुए पा रहे हैं. जो रात प्यार और साथ की होनी चाहिए थी, वह एक बुरे सपने में बदल गई है जो आने वाले सालों तक उन्हें सताएगा.