उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की जिसमें श्रावण मास के दौरान राज्य में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने शासन और प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि यह पवित्र यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण, सुरक्षित और श्रद्धा से परिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो. उन्होंने सभी संबंधित विभागों को सजगता, संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ कार्य करने के लिए कहा ताकि कांवड़ियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में जोर देकर कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, भोजनालय, विश्रामालय और शौचालयों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही उन्होंने भोजन की शुद्धता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग को विशेष रूप से सक्रिय रहने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कांवड़ियों को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है.
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath chaired a high-level meeting today to review preparations for the Kanwar Yatra during the sacred month of Shravan. Emphasising the significance of the pilgrimage, he directed officials to stay alert, sensitive, and proactive to ensure… pic.twitter.com/dtu870HK60
— ANI (@ANI) July 14, 2025
चिकित्सा और अन्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर चिकित्सा शिविरों की स्थापना पर विशेष जोर दिया. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक प्रमुख पड़ाव पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को तत्काल उपचार मिल सके. इसके अलावा उन्होंने विश्रामालयों और शौचालयों की स्वच्छता और उपलब्धता पर भी ध्यान देने को कहा. यात्रा मार्गों पर पेयजल की व्यवस्था को निर्बाध रखने के लिए जल निगम और स्थानीय प्रशासन को तत्पर रहने का निर्देश दिया गया.
शांतिपूर्ण और व्यवस्थित यात्रा के लिए कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अशांति या अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यात्रा मार्गों पर ट्रैफिक प्रबंधन, सुरक्षा जांच और भीड़ नियंत्रण के लिए पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया. इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय समुदायों और स्वयंसेवी संगठनों से भी सहयोग लेने का सुझाव दिया ताकि यात्रा के दौरान सामुदायिक भागीदारी बढ़े और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिले.