'I Love Muhammad' Row: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार की नमाज के बाद आई लव मोहम्मद लिखे एक पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ गया. इससे हिंसा भड़क उठी. यह मामला कानपुर से शुरू हुआ था. यह मामला कानपुर से शुरू हुआ और बरेली, मऊ समेत अन्य शहरों में भी फैल गया. इस दौरान पुलिस को भीड़ को कंट्रोल करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया गया.
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने हवा में गोलियां भी चलाईं और पथराव में 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. बरेली में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, 50 से ज्यादा लोगों से हिरासत से पूछताछ की जा रही है.
VIDEO | Uttar Pradesh: After the clashes in Bareilly, a heavy police force has been deployed across the city. Police personnel are also present at Islamia Ground, and additional forces have been stationed at major intersections throughout the city.#BareillyNews #Bareilly… pic.twitter.com/RUDkhyWcdm
— Press Trust of India (@PTI_News) September 27, 2025Also Read
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान को नजरबंद कर दिया गया है. इनसे जल्द ही पूछताछ की जा सकती है. हिंसा के बाद, पुलिस ने पूरे शहर पर नजर रख रही है. यहां की स्थिति पर कंट्रोल बनाए रखने और आगे की अशांति को रोकने के लिए अब प्रमुख चौराहों और इस्लामिया ग्राउंड के पास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
जांच से पता चला है कि बरेली में हुई हिंसा की योजना पांच दिनों में बनाई गई थी. अधिकारी उन सभी लोगों की पहचान करने में जुटे हैं जो इस साजिश में शामिल थे. पुलिस संदिग्ध दंगाइयों के कॉल रिकॉर्ड (सीडीआर) की भी जांच कर रही है. साथ ही उन इलाकों के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाल रही है, जहां हिंसा हुई थी.
अधिकारियों ने कहा है कि वो उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे, जो इसके पीछे जिम्मेदार हैं. हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी. यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले व्यक्तियों को प्रीवेंटिव हिरासत में लेने का अधिकार देता है.