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India Daily

चंदौली में बाढ़ के कारण नाग-नदी का कहर, पानी के साथ घरों में घुसे ज़हरीले सांप

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. रामपुर और दिया गांव की स्थिति बेहद चिंताजनक है. खेतों और रास्तों के साथ अब घरों के आसपास भी पानी भर गया है. इससे सांप और अन्य जहरीले जीव सुरक्षित स्थान की तलाश में इंसानी बस्तियों तक पहुंचने लगे हैं, जिससे ग्रामीणों में डर और दहशत का माहौल है. प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठ रहे हैं.

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Edited By: Kuldeep Sharma
snak
Courtesy: web

उत्तर प्रदेश का चंदौली जनपद इन दिनों गंगा की उफनती लहरों के कारण संकट में है. सकलडीहा तहसील के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं, और स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. इस बार सिर्फ खेत-खलिहान ही नहीं, बल्कि इंसानी जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है, वो भी ऐसे खतरों से, जो आमतौर पर जमीन के नीचे छिपे रहते हैं.

चंदौली के रामपुर और दिया गांवों में बाढ़ का पानी घरों के आंगन तक पहुंच गया है. खेतों में लगी फसलें नष्ट हो चुकी हैं और रास्ते पूरी तरह डूब गए हैं. गांव के भीतर आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है. लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और बाहर निकलना जोखिम भरा हो गया है.

सांप और जहरीले जीवों से ग्रामीणों में दहशत

बाढ़ के पानी ने केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि जीव-जंतुओं को भी विस्थापित कर दिया है. जमीन के नीचे रहने वाले सांप और अन्य जहरीले जीव अब सूखे स्थानों की तलाश में हैं. रामपुर और दिया गांव के कई घरों में सांप देखे गए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें इसकी पुष्टि कर रही हैं. बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर लोग बेहद चिंतित हैं.0

प्रशासन पर उठे सवाल, अब तक नहीं मिली राहत

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है. न तो दवा का छिड़काव हुआ है और न ही किसी तरह का जागरूकता अभियान चलाया गया है. लोगों को अपने स्तर पर ही सुरक्षा के इंतजाम करने पड़ रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तुरंत राहत और बचाव के उपाय सुनिश्चित करे.

समय पर कार्रवाई जरूरी

स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता. बाढ़ राहत कार्य के साथ-साथ विषैले जीवों से बचाव के लिए भी योजना बनाना जरूरी है. ग्रामीणों को सिर्फ भोजन और रहने की नहीं, बल्कि सुरक्षा की भी दरकार है.