उत्तर प्रदेश का चंदौली जनपद इन दिनों गंगा की उफनती लहरों के कारण संकट में है. सकलडीहा तहसील के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं, और स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. इस बार सिर्फ खेत-खलिहान ही नहीं, बल्कि इंसानी जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है, वो भी ऐसे खतरों से, जो आमतौर पर जमीन के नीचे छिपे रहते हैं.
चंदौली के रामपुर और दिया गांवों में बाढ़ का पानी घरों के आंगन तक पहुंच गया है. खेतों में लगी फसलें नष्ट हो चुकी हैं और रास्ते पूरी तरह डूब गए हैं. गांव के भीतर आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है. लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और बाहर निकलना जोखिम भरा हो गया है.
बाढ़ के पानी ने केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि जीव-जंतुओं को भी विस्थापित कर दिया है. जमीन के नीचे रहने वाले सांप और अन्य जहरीले जीव अब सूखे स्थानों की तलाश में हैं. रामपुर और दिया गांव के कई घरों में सांप देखे गए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें इसकी पुष्टि कर रही हैं. बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर लोग बेहद चिंतित हैं.0
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है. न तो दवा का छिड़काव हुआ है और न ही किसी तरह का जागरूकता अभियान चलाया गया है. लोगों को अपने स्तर पर ही सुरक्षा के इंतजाम करने पड़ रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तुरंत राहत और बचाव के उपाय सुनिश्चित करे.
स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता. बाढ़ राहत कार्य के साथ-साथ विषैले जीवों से बचाव के लिए भी योजना बनाना जरूरी है. ग्रामीणों को सिर्फ भोजन और रहने की नहीं, बल्कि सुरक्षा की भी दरकार है.