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India Daily

दिवाली बोनस में 1100 रुपये मिलने पर नाखुश हुए कर्मचारी, खोल दिए टोल प्लाजा के सभी गेट, हजारों गाड़ियां फ्री में हुईं पार

Toll Plaza: उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के फतेहाबाद टोल प्लाजा पर 21 कर्मचारी दिवाली बोनस में केवल 1100 रुपये मिलने से नाराज हो गए. ये कर्मचारी श्री साइन एंड दातार कंपनी में हैं, जिसने मार्च 2025 में टोल प्लाजा का प्रबंधन संभाला था। उनका कहना था कि यह बोनस बहुत कम है.

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Edited By: Princy Sharma
Agra-Lucknow Expressway
Courtesy: X

Agra-Lucknow Expressway: उत्तर प्रदेश में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर फतेहाबाद टोल प्लाजा पर सोमवार को एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई. टोल प्रबंधन से जुड़े लगभग 21 कर्मचारी दिवाली बोनस के रूप में केवल 1100 रुपये मिलने से नाखुश थे. उन्हें यह राशि बहुत कम और अनुचित लग रही थी. ये कर्मचारी श्री साइन एंड दातार नामक कंपनी में काम करते हैं, जिसने इसी साल मार्च में टोल प्लाजा का प्रबंधन शुरू किया था.

कर्मचारी कम बोनस मिलने से नाराज थे, इसलिए उन्होंने काम बंद कर दिया और सभी टोल गेट खोल दिए. इससे हजारों वाहन बिना टोल शुल्क दिए ही गुजर गए. सामान्य टोल वसूली ठप हो गई और एक्सप्रेसवे पर यातायात काफी अस्त-व्यस्त हो गया.

टोल प्लाजा पर पहुंची पुलिस टीम

टोल प्रबंधन ने टोल वसूली जारी रखने के लिए दूसरे टोल प्लाजा से कर्मचारियों को लाकर समस्या का समाधान करने की कोशिश की. लेकिन प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने नए कर्मचारियों को काम नहीं करने दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. स्थिति को देखते हुए, पुलिस तुरंत टोल प्लाजा पर शांति बनाए रखने और समस्या का समाधान करने के लिए पहुंची.

10% की वृद्धि का वादा

पुलिस ने कंपनी और कर्मचारियों को आपस में बात करने में मदद की. इस बातचीत के दौरान, टोल कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन में तुरंत 10% की वृद्धि करने का वादा किया. साथ ही, उन्होंने कर्मचारियों को यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में उनके काम करने के हालात बेहतर होंगे. यह सुनने के बाद, कर्मचारी अपना विरोध प्रदर्शन बंद करने पर सहमत हुए और फिर से काम पर लग गए.

इस पूरी समस्या के कारण सामान्य टोल संचालन में दो घंटे की देरी हुई. इस दौरान हजारों वाहन बिना भुगतान किए एक्सप्रेसवे से गुजरे. श्री साइन एंड दातार कंपनी ने कहा कि वे दिवाली पर ज्यादा बोनस नहीं दे सकते क्योंकि उन्होंने मार्च में ही टोल का ठेका लिया था, इसलिए उन्हें लगा कि पूरे साल का बोनस देना उचित नहीं है.