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Govardhan Puja 2025: अपने आंगन में ऐसे बनाएं गोबर से सुंदर गोवर्धन पर्वत, देखें आसान तरीका और शानदार डिजाइन्स!

Govardhan Parvat Design: गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है और इसमें भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला को याद किया जाता है. इस दिन भक्त गोबर से पर्वत बनाकर उसकी पूजा करते हैं. पहली बार पूजा कर रहे हैं? यह लेख आपको डिजाइन और विधि में मदद करेगा.

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Edited By: Princy Sharma
Govardhan Puja 2025
Courtesy: Instagram

Govardhan Puja 2025:  गोवर्धन पूजा हिंदू संस्कृति में एक खास स्थान रखती है और दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है. इस दिन, लोग भगवान कृष्ण के उस दिव्य कृत्य को याद करते हैं जब उन्होंने ब्रजवासियों को इंद्रदेव द्वारा की गई भारी वर्षा और तूफानों से बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था. 

हर साल, भक्त अपने आंगन या खुले स्थान पर गाय के गोबर से एक छोटा सा गोवर्धन पर्वत बनाकर और उसकी भक्तिपूर्वक पूजा करके इस चमत्कार का जश्न मनाते हैं. गोवर्धन पर्वत को प्रकृति, अन्न और पशुधन का प्रतीक माना जाता है. अगर आप पहली बार गोवर्धन पूजा मनाने की योजना बना रहे हैं और अपने घर में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. हमने आपके डिजाइन को प्रेरित करने के लिए चित्र भी शामिल किए हैं.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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गाय का गोबर कैसे तैयार करें

साफ और ताजा गाय के गोबर से शुरुआत करें. अगर गोबर थोड़ा सूखा है, तो उसे नरम और चिकना बनाने के लिए थोड़ा पानी मिलाएं. गंध से बचने के लिए, आप दस्ताने पहन सकते हैं. आकृतियों को आसानी से आकार देने में मदद के लिए आप इसमें थोड़ी मिट्टी भी मिला सकते हैं.

क्या बनाएं

सबसे पहले, आंगन या किसी खुली जगह को अच्छी तरह साफ करें. फिर गाय के गोबर से एक छोटा सा पहाड़ बनाएं—यह आपका गोवर्धन पर्वत होगा. पहाड़ के चारों ओर, आप गाय, बछड़े, पेड़ और यहां तक कि छोटी-छोटी झोपड़ियां भी बना सकते हैं. पहाड़ के बीच या ऊपर भगवान कृष्ण की एक छोटी मूर्ति या आकृति स्थापित करें. पूरे गोवर्धन को फूलों, मालाओं, रंग-बिरंगे पाउडर, चीनी के बने पदार्थ (जैसे खील और बताशे) और छोटे दीयों से सजाएं.

2025 में गोवर्धन पूजा कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. 2025 में यह तिथि बुधवार, 22 अक्टूबर को पड़ रही है. प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर की शाम से शुरू होगी, लेकिन मुख्य पूजा 22 अक्टूबर को होगी.