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तोड़े बैरिकेड, चली लाठियां, घुइसरनाथ धाम में मंगल आरती के बाद बेकाबू हुई कावड़ियों की भीड़, वीडियो में देखें पूरा बवाल

प्रतापगढ़ के पवित्र बाबा 'घुइसरनाथ धाम' में सावन के दूसरे सोमवार को एक विवादास्पद घटना ने सभी का ध्यान खींचा है. मंगल आरती के बाद रात करीब 3 बजे मंदिर के कपाट खुलने पर जलाभिषेक के दौरान पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज की घटना सामने आई है.

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Edited By: Garima Singh
Pratapgarh Lathi Charge
Courtesy: X

Pratapgarh Lathi Charge: प्रतापगढ़ के पवित्र बाबा 'घुइसरनाथ धाम' में सावन के दूसरे सोमवार को एक विवादास्पद घटना ने सभी का ध्यान खींचा है. मंगल आरती के बाद रात करीब 3 बजे मंदिर के कपाट खुलने पर जलाभिषेक के दौरान पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज की घटना सामने आई है. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने भक्तों और स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है.

सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की भक्ति में डूबा होता है, और बाबा घुइसरनाथ धाम में हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचे थे. मंदिर प्रशासन और पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के लिए व्यापक इंतजाम किए थे, लेकिन रात के समय अचानक बढ़ी भीड़ के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी लाठियां चलाते हुए श्रद्धालुओं को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे मंदिर परिसर में भगदड़ की स्थिति बन गई.

पुलिस का पक्ष: सुरक्षा के लिए था जरूरी

क्षेत्राधिकारी आशुतोष मिश्रा ने इस घटना पर अपनी सफाई दी है. उनके अनुसार, "श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ के कारण बैरिकेडिंग टूट गई थी. सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने और संभावित हादसे को टालने के लिए बल प्रयोग करना आवश्यक हो गया था." उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि मंदिर में व्यवस्था बनाए रखना था.

श्रद्धालुओं में आक्रोश: आस्था का अपमान?

श्रद्धालुओं ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. एक भक्त ने कहा, "यह व्यवहार शिव भक्तों की आस्था के विरुद्ध है." कई लोगों का मानना है कि पुलिस को और संयम बरतना चाहिए था, ताकि भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत न हों. इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि सोशल मीडिया पर भी व्यापक बहस छेड़ दी है.

सावन में बढ़ती भीड़ और चुनौतियां

सावन के महीने में बाबा घुइसरनाथ धाम जैसे प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस दौरान मंदिर प्रशासन और पुलिस के सामने भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती होती है. इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर रणनीति की आवश्यकता है.