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India Daily

प्रयागराज में आई बाढ़ ने बाहुबली फिल्म की दिलाई याद, वीडियो में देखें कैसे नवजात को हाथों में उठाकर मां ने बचाई जिंदगी?

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी की भीषण बाढ़ के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है. इसको लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि हजारों करोड़ खर्च करने के बावजूद शहर की हालत बदतर है, और जनता अपनी जान बचाने के लिए नालों में उतरने को मजबूर है, जबकि सरकार मौज में है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Prayagraj
Courtesy: web

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरनाक सीमा को पार कर चुका है. नतीजतन, कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है और लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. इस विकट परिस्थिति को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस ने पूछा है कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत जो हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए, वे आखिर लगे कहां?

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें एक परिवार बाढ़ से घिरे मोहल्ले से अपने बच्चों को कंधे और हाथों पर उठाकर बाहर निकाल रहा है. इस वीडियो के साथ लिखा गया 'ये है प्रयागराज की स्मार्ट सिटी! सरकार ने हजारों करोड़ खर्च किए, लेकिन वो गए कहां, ये कोई नहीं बता पा रहा है.' कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार सिर्फ कागजों में स्मार्ट सिटी बना रही है, जबकि जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है. मां-बाप अपने बच्चों को बचाने के लिए गंदे नालों से गुजरने को मजबूर हैं, और प्रशासन की तैयारी पूरी तरह से नाकाफी साबित हो रही है.

बाढ़ ने उजागर की अव्यवस्था

प्रयागराज के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है. छोटा बघाड़ा जैसे तराई वाले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. बीती रात एक नवजात शिशु और उसकी मां को जब कोई सहायता नहीं मिली, तो परिवारवालों ने खुद ही जोखिम उठाकर उन्हें बाढ़ के पानी से बाहर निकाला. यह दृश्य देखकर बाहुबली फिल्म की याद आ गई, लेकिन ये कोई फिल्म नहीं हकीकत है. जिस शहर को स्मार्ट सिटी के नाम पर चमकाने की बात की गई थी, वहां आज लोग पीने के पानी, भोजन और दवाई तक के लिए परेशान हैं.

प्रशासन की कोशिशें नाकाफी

हालांकि प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी हैं. 12 नावें और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन प्रभावित लोगों की संख्या इतनी अधिक है कि हर किसी तक समय पर सहायता पहुंचाना मुमकिन नहीं हो पा रहा. अब तक लगभग तीन हजार लोग बेघर हो चुके हैं और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि अगर पहले से इंतजाम होते तो ये हालात ही न बनते.

कांग्रेस का तीखा वार, सरकार मौज में, जनता मजबूर

कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता केवल इवेंट और प्रचार है, न कि जनता की बुनियादी समस्याओं का समाधान. पार्टी नेताओं ने कहा कि जनता जान बचाने के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि सरकार खुद को पीठ थपथपा रही है.