UP News: सांप ने डसा, अंधविश्वास का लिया सहारा; इलाज के बजाए 2 दिन तक गंगा में बांधकर रखा, B.Com स्टूडेंट की हुई मौत
UP Superstition News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में इलाज के बजाए अंधविश्वास का सहारा लेना भारी पड़ गया. एक छात्र को सांप ने डंस लिया. इसके बाद परिजन ने इलाज कराने के बजाए अंधविश्वास का सहारा लिया, जिससे छात्र की मौत हो गई.
UP Superstition News: बुलंदशहर में अंधविश्वास वाली कहानी सामने आई है. कहानी में सांप डंसने के शिकार एक छात्र की मौत हो गई है. मामले की जानकारी के बाद पुलिस जांच पड़ताल कर रही है. कहा जा रहा है कि छात्र वोट देकर घर आया था, जिसके बाद उसे सांप ने काट लिया. छात्र ने इसकी जानकारी परिजन को दी, जिसके बाद इलाज कराने के बजाए छात्र के परिजन ने अंधविश्वास का सहारा लिया. छात्र को गंगा की धार में दो दिनों तक बांधकर रखा गया. तर्क दिया गया कि ऐसा करने से सांप का जहर उतर जाएगा. जहर तो नहीं उतरा, लेकिन छात्र की मौत जरूरी हो गई. मृत छात्र बीकॉम का स्टूडेंट था.
मृत छात्र की पहचान जहांगीराबाद निवासी मोहित के रूप में हुई है. मोहित 26 अप्रैल को वोटिंग के दिन वोट डालकर अपने खेतों पर गया था, जहां उसे सांप ने डंस लिया. जब इसकी जानकारी परिजन को मिली तो उन्होंने इलाज के बजाए, उसे लेकर वैध और हाकिम के पास घूमते रहे. इसी बीच किसी ने कहा कि किसी को अगर सांप डंस ले तो उसका जहर उतारने के लिए उसे बहते हुए पानी में रखने से जहर उतर जाता है.
इसके बाद परिजन ने मोहित को बांधकर 24 घंटे से अधिक समय तक गंगा के बहाव में रखा, लेकिन राहत नहीं मिलने पर उसे घर ले आए. पता चला कि उसकी मौत हो गई है. इसके बाद शव को शमशान ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
गंगा के बहाव में छात्र को बांधकर रखने का वीडियो वायरल
गंगा के बहाव में छात्र को बांधकर रखे जाने का वीडियो वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, मोहित के पिता विजय सिंह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में हैं और उनके 5 बच्चे हैं. 20 साल का मोहित सबसे छोटा बेटा था. परिजन के मुताबिक, मोहित बीकॉम लास्ट ईयर का स्टूडेंट था.
परिजन ने कहा कि हम मोहित को अस्पताल ले गए थे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने कहा कि इसे घर ले जाओ, ये नहीं बचा है. इसके बाद किसी ने गंगा के बहाव में रखने से जहर उतरने का दावा किया. फिर हमने मोहित को गंगा के बहाव में बांधकर रख दिया. परिजन ने बताया कि हमलोगों ने दो दिन इंतजार किया, लेकिन उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई. फिर हमने उसे गंगा के बहाव से निकाला और अंतिम संस्कार कर दिया.