Changur Baba Case: अवैध धर्मांतरण के मामले में एटीएस ने बड़ा कदम उठाते हुए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. एटीएस की जांच में यह साफ हो गया है कि छांगुर बाबा देशभर में धर्मांतरण का जाल फैला रहा था और इसके लिए विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल किया जा रहा था. जांच में सामने आया कि छांगुर के गिरोह को पाकिस्तान, दुबई, कनाडा, नेपाल और सऊदी अरब से करोड़ों रुपये भेजे गए.
चार्जशीट में छांगुर के साथ उसके बेटे महबूब, नवीन रोहरा, नवीन की पत्नी नीतू उर्फ परवीन, सबरोज, सहाबुद्दीन और बलरामपुर की कोर्ट में कार्यरत राजेश उपाध्याय को आरोपी बनाया गया है. जांच एजेंसियों को पता चला कि विदेशी फंड सीधे नीतू और उसके पति नवीन के खातों में जमा किए जाते थे. इन पैसों का इस्तेमाल धर्मांतरण कराने और गिरोह का नेटवर्क बढ़ाने में किया गया.
एटीएस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि छांगुर लखनऊ से मुंबई तक सक्रिय था और उसने धर्मांतरण के लिए कई एजेंट तैयार कर रखे थे. उसके गिरोह से जुड़े करीब तीन हजार लोगों के साक्ष्य मिले हैं, जिनमें चार सौ से अधिक लोग लंबे समय से उसके लिए ही काम कर रहे थे. जांच एजेंसियों ने छांगुर के पास 300 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति होने का पता लगाया है.
एसटीएफ ने पिछले साल छांगुर की गतिविधियों की जांच शुरू की थी और साक्ष्य जुटाने के बाद उसके खिलाफ एटीएस ने एफआईआर दर्ज की थी. गिरफ्तारी के बाद छांगुर और उसके नेटवर्क से जुड़े कई राज सामने आए. ईडी ने भी छांगुर, नवीन और नीतू की करोड़ों की सम्पत्तियां जब्त कर लीं. 5 जुलाई से 31 जुलाई के बीच एटीएस, ईडी और बलरामपुर पुलिस की संयुक्त जांच में यह सामने आया कि धर्मांतरण के धंधे को सुनियोजित तरीके से चलाया जा रहा था. शासन ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और प्रतिदिन एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी. अब एटीएस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है और तीन और आरोपियों की तलाश जारी है. आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं.