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बच्चे को जन्म देकर महिला ने उसे अपनाने से किया इनकार, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

गोरखपुर में पति के धोखे से आहत एक महिला ने नवजात बेटे को अपनाने और दूध पिलाने से इनकार कर दिया. अस्पताल स्टाफ की समझाइश के बाद उसने फैसला बदला और बच्चे को अकेले पालने का निर्णय लिया.

Kanhaiya Kumar Jha
Gorakhpur News India Daily
Courtesy: Gemini AI

गोरखपुर: यूपी के जनपद गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल में उस समय भावनात्मक और मानवीय संकट की स्थिति बन गई, जब एक महिला ने अपने पति के धोखे से आहत होकर नवजात बेटे को अपनाने से इनकार कर दिया. महिला ने बच्चे को दूध पिलाने से भी मना कर दिया, जिससे अस्पताल का मेडिकल स्टाफ असमंजस में पड़ गया. अधिकारियों के अनुसार, काफी देर तक समझाने-बुझाने के बाद महिला ने अपना फैसला बदला और बच्चे को अपने पास रखने के लिए राजी हुई.

अधिकारियों ने बताया कि महिला दिल्ली में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है. वह ट्रेन से यात्रा कर रही थी, तभी रास्ते में उसे करीब चार घंटे तक प्रसव पीड़ा होती रही. दर्द बढ़ने पर सरकारी रेलवे पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद GRP की मदद से महिला को गोरखपुर के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया.

पति पर गंभीर आरोप

महिला ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस को बताया कि उसका पति गर्भावस्था के दौरान उसे छोड़कर चला गया था. उसका आरोप है कि बाद में वह किसी दूसरी महिला के साथ भाग गया. महिला का कहना है कि जब उसे सबसे ज्यादा सहारे की जरूरत थी, उसी समय उसके पति ने उसे धोखा दिया.

महिला ने कहा कि वह पूरी तरह अकेली थी, असहनीय दर्द से गुजर रही थी और अजनबियों की मदद से ही अस्पताल तक पहुंच सकी. इसी मानसिक आघात और गुस्से की वजह से उसने शुरुआत में बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया.

नवजात को दूध पिलाने से भी किया इनकार

अधिकारियों के मुताबिक, बच्चे के जन्म के बाद महिला ने नवजात को स्तनपान कराने से भी मना कर दिया. इस स्थिति ने मेडिकल स्टाफ को चिंता में डाल दिया, क्योंकि नवजात की सेहत के लिए शुरुआती घंटों में मां का दूध बेहद जरूरी होता है. डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने महिला से लगातार बातचीत की और उसे भावनात्मक रूप से संभालने की कोशिश की.

समझाइश के बाद बदला फैसला

जिला महिला अस्पताल के सुपरिटेंडेंट इंचार्ज जय कुमार ने बताया कि महिला को समझाना आसान नहीं था. काफी देर तक काउंसलिंग और बातचीत के बाद महिला ने बच्चे को अपने पास रखने की सहमति दी. उसने कहा कि वह अपने बेटे को अकेले ही पालेगी और उसे उसके पिता का नाम नहीं देगी. अधिकारियों के अनुसार, महिला अब धीरे-धीरे मानसिक रूप से संभल रही है और बच्चे की देखभाल के लिए तैयार है.

मां और बच्चा निगरानी में

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि फिलहाल मां और बच्चा दोनों डॉक्टरों की निगरानी में हैं. मेडिकल स्टाफ उनकी पूरी देखभाल कर रहा है और हर जरूरी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. बच्चे और मां की सेहत सामान्य होने के बाद दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.