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India Daily

UP IAS Transfer 2025: यूपी में प्रशासनिक फेरबदल, योगी सरकार ने बदले 10 जिलों के डीएम, 23 IAS अधिकारियों के हुए तबादले

योगी सरकार ने यूपी में 23 IAS अधिकारियों का तबादला किया है. इनमें 10 जिलों में नए जिलाधिकारी नियुक्त किए गए हैं. 2015 बैच को प्राथमिकता मिली है जबकि 2016 बैच के अधिकारियों को मौका नहीं दिया गया. यह फेरबदल प्रशासनिक दक्षता और सुशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है.

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Edited By: Km Jaya
CM Yogi Adityanath
Courtesy: Social Media

UP IAS Transfer 2025: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 23 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. इनमें 10 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को हटाकर उनकी जगह नए अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. गोरखपुर, गाजियाबाद, नोएडा, प्रयागराज, कासगंज, कानपुर देहात, बहराइच, ललितपुर, मिर्जापुर और गोंडा जैसे महत्वपूर्ण जिलों में नए डीएम तैनात किए गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बदलाव में योगी सरकार ने प्रशासनिक दक्षता और अनुशासन को ध्यान में रखते हुए 8 आरआर यानी Regular Recruit सेवा के और 2 एससीएस यानी State Civil Services से प्रोन्नत अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है.

2015 बैच के अफसरों को दी प्राथमिकता 

गौर करने वाली बात है कि इस फेरबदल में 2016 बैच के किसी भी आईएएस अधिकारी को मौका नहीं मिला है, जबकि 2015 बैच के अफसरों को प्राथमिकता दी गई है. उम्मीद जताई जा रही थी कि आईएएस आलोक यादव को जिलाधिकारी बनाया जाएगा, लेकिन वे इस बार सूची में जगह नहीं बना सके.

नए जिलाधिकारियों की सूची:

  • दीपक मीना को गोरखपुर का जिलाधिकारी बनाया गया है.
  • रविन्द्र कुमार मंदार को गाजियाबाद की कमान सौंपी गई है.
  • मनीष वर्मा को प्रयागराज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है.
  • मेधा रूपम अब नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) की नई डीएम होंगी.
  • प्रणय सिंह को कासगंज का डीएम बनाया गया है.
  • कपिल सिंह को कानपुर देहात की जिम्मेदारी मिली है.
  • अक्षय त्रिपाठी को बहराइच का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है.
  • अमनदीप डुली को ललितपुर का डीएम बनाया गया है.
  • पवन कुमार गंगवार को मिर्जापुर की कमान दी गई है.
  • प्रियंका निरंजन अब गोंडा की जिलाधिकारी होंगी.

योगी सरकार का यह फैसला प्रशासनिक संतुलन और जमीनी स्तर पर सुशासन को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है. यह फेरबदल न केवल अधिकारियों की दक्षता को बेहतर अवसर देने का प्रयास है.