CM योगी ने गोविंद बल्लभ पंत का तोड़ा रिकॉर्ड, जानें उत्तराखंड कनेक्शन?
Babli Rautela
2025/07/28 14:45:07 IST
गोविंद बल्लभ पंत का जन्म
10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा में जन्मे गोविंद बल्लभ पंत, महाराष्ट्रीयन थे. उनके पिता की सरकारी नौकरी के कारण परिवार का स्थानांतरण होता रहता था.
Credit: Social Mediaबचपन की होशियारी
बचपन से ही मेधावी पंत ने स्कूल में 30 गज कपड़े को काटने का सवाल 29 दिन में हल कर सबको चकित कर दिया, जो उनकी तीव्र बुद्धि का प्रतीक था.
Credit: Social Mediaहिंदी को राजभाषा का दर्जा
पंत ने हिंदी को संविधान में राजभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा खत्म करने में अहम भूमिका निभाई. वे 1937 और 1946-54 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.
Credit: Social Mediaस्वतंत्रता संग्राम में योगदान
स्वतंत्रता सेनानी के रूप में पंत ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और 1940-41 में अल्मोड़ा जेल में बंद रहे, जहां उन्होंने अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया.
Credit: Social Mediaलाठीचार्ज में चोट
1927 में साइमन कमीशन के खिलाफ लखनऊ प्रदर्शन में पंत को लाठीचार्ज में चोटें आईं, जिससे उनकी गर्दन झुक गई, मगर उनका जोश कभी कम नहीं हुआ.
Credit: Social Mediaसच्चाई के वकील
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई के बाद पंत ने काशीपुर में वकालत शुरू की. वे केवल सच्चे केस लड़ते थे और काकोरी कांड में बिस्मिल व खान का केस लड़ा.
Credit: Social Mediaकुली बेगार के खिलाफ बिगुल
1914 में पंत ने कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई और इसे खत्म करवाया, जिससे आम लोगों को अंग्रेजों का सामान ढोने की बाध्यता से मुक्ति मिली.
Credit: Social Mediaटाई ब्रेकर की भूमिका
द्वितीय विश्व युद्ध में पंत ने गांधी और बोस के गुटों के बीच मध्यस्थता की, दोनों के विचारों को संतुलित कर स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी.
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