Neet Aspirant Suicide Attempt: राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जब एक 19 साल की नीट परीक्षार्थी ने महेश नगर के एक कोचिंग संस्थान की छत से कूदकर आत्महत्या की कोशिश की. गनीमत रही की टीचर्स की त्वरित कार्रवाई और साहस ने एक बड़ा हादसा होने से रोक लिया. यह घटना न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते दबाव को उजागर करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर भी बल देती है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चुरू जिले की रहने वाली यह छात्रा महेश नगर के एक पीजी में रहती थी. वह अपने कोचिंग सेंटर की तीसरी मंजिल की छत पर चढ़ गई, जहां उसने आत्महत्या की कोशिश की. स्थानीय लोगों ने उसे छत पर देखा और तुरंत शोर मचाया, जिससे कोचिंग संस्थान के कर्मचारियों का ध्यान उसकी ओर गया. स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए, एक शिक्षक ने तत्परता दिखाई और छत पर पहुंचकर छात्रा को पीछे से पकड़ लिया, ठीक उस समय जब वह कूदने की तयारी में थी.
जयपुर में नीट छात्रा ने गुरु कृपा कोचिंग इंस्टीट्यूट की छत से कूदने की कोशिश की, कोचिंग स्टाफ ने उसे बचा लिया..!!pic.twitter.com/pLAYEPaMN4
— MANOJ SHARMA/ मनोज शर्मा (@manojpehul) August 30, 2025
शिक्षक का साहसिक कदम
शिक्षक ने छात्रा के प्रतिरोध के बावजूद उसे सुरक्षित नीचे खींच लिया. इस दौरान अन्य कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने भी मदद की और छात्रा को शांत करने में सहयोग किया. पुलिस ने बताया कि छात्रा को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया और उसकी काउंसलिंग शुरू की गई. शिक्षक की सजगता और साहस की सभी ने सराहना की. मौके पर मौजूद एक शख्स ने कहा, “उस शिक्षक ने बहुत हिम्मत दिखाई. अगर वह समय पर नहीं पहुंचते, तो एक अनहोनी हो सकती थी.”
मानसिक दबाव और पारिवारिक चिंता
जांच में पता चला कि छात्रा कुछ समय से अपनी पढ़ाई को लेकर तनाव में थी. वह कोचिंग संस्थान की कुछ आंतरिक परीक्षाओं में शामिल नहीं हो रही थी, जिसके कारण उसका आत्मविश्वास कम हो रहा था. घटना से कुछ समय पहले ही उसके परिवार वाले कोचिंग सेंटर में उसकी प्रगति का जायजा लेने आए थे. इस मुलाकात के बाद वह और अधिक परेशान हो गई, जिसके बाद उसने यह खतरनाक कदम उठाया.
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत
यह घटना शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते प्रतिस्पर्धी दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता को दर्शाती है. नीट जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को अक्सर भारी तनाव का सामना करना पड़ता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोचिंग संस्थानों और परिवारों को मिलकर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. काउंसलिंग और प्रेरक सत्र इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं.