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Rajasthan Weather: राजस्थान में लौटेगा मानसून, 15 सितंबर के बाद फिर बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Rajasthan Weather: इस साल मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया था, जबकि सामान्यत: यह 1 जून को पहुंचता है. 2009 के बाद पहली बार इतना जल्दी मानसून आया. उस समय भी यह 23 मई को दस्तक दे चुका था.

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Edited By: Reepu Kumari
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Courtesy: Pinterest

Rajasthan Weather: राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश थम चुकी है और मौसम शुष्क बना हुआ है. हालांकि राहत ज्यादा दिनों तक टिकने वाली नहीं है, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने संकेत दिए हैं कि 15 सितंबर के बाद एक बार फिर बारिश देखने को मिलेगी. दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी की ओर बढ़ रहा है और इसकी शुरुआत पश्चिमी राजस्थान से हो सकती है.

आईएमडी के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियां मानसून की वापसी के लिए अनुकूल हो रही हैं. यानी 15 सितंबर के आसपास राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है. यह दौर किसानों और स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, क्योंकि बारिश का असर कृषि पर भी देखने को मिलेगा.

5 साल में पहली बार जल्दी आया मानसून

आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है. इस बार मानसून 8 जुलाई की सामान्य तिथि से 9 दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया था. 2020 के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब पूरे देश में इतनी जल्दी बारिश शुरू हुई. 2009 के बाद यह मानसून का सबसे जल्दी आगमन रहा.

24 मई को पहुंचा था केरल

इस साल मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया था, जबकि सामान्यत: यह 1 जून को पहुंचता है. 2009 के बाद पहली बार इतना जल्दी मानसून आया. उस समय भी यह 23 मई को दस्तक दे चुका था.

पश्चिमी विक्षोभ का असर

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अतिरिक्त बारिश का कारण सक्रिय मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ रहा. इस सिस्टम ने राजस्थान और आसपास के इलाकों में बारिश की स्थिति को और तेज किया.

हाल में थमी बारिश

पिछले 3-4 दिन से राज्य में बारिश का दौर लगभग थम गया है और मौसम शुष्क बना हुआ है. लेकिन मौसम विभाग का अनुमान है कि 15 सितंबर के बाद एक बार फिर बादल सक्रिय होंगे.

किसानों के लिए राहत

राजस्थान में मानसून की वापसी से पहले होने वाली यह अतिरिक्त बारिश किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है. इससे खरीफ फसलों को अतिरिक्त नमी मिलेगी और उत्पादन में सुधार की संभावना है.

मॉनसून की सामान्य वापसी

आमतौर पर मानसून 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से लौट जाता है. इस बार भी लगभग इसी समय सीमा में मानसून के लौटने की संभावना जताई गई है.

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