Qasim Espionage Case: दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में नया खुलासा हुआ है. सेना की गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में पकड़े गए कासिम के बड़े भाई हासीन को पुलिस ने राजस्थान के डीग के पीएस नगर से गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार हसीन पिछले 4-5 साल से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था. वह करीब 15 साल पहले पाकिस्तान गया था, जहां उसके रिश्तेदार रहते हैं. उसी दौरान वह आईएसआई के जाल में फंसा और उनके लिए काम करने लगा.
हासीन की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस के अनुसार हासीन ने भारत के संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें ISI एजेंट्स को भेजीं और इसके बदले पैसे भी लिए. यही नहीं, उसने पाकिस्तान में व्हाट्सएप एक्टिव करने के लिए ओटीपी (OTP) भी साझा किया था. हासीन की मदद से उसके भाई कासिम को पाकिस्तान का वीजा भी दिलवाया गया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगस्त 2024 में हासीन ने अपने नाम से रजिस्टर्ड एक सिम कार्ड पाकिस्तान भेजा, जो बाद में एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के पास इस्तेमाल होता मिला. यही नहीं, उस सिम को एक्टिवेट करने के लिए भी हासीन ने ओटीपी उपलब्ध कराया.
जांच में यह भी सामने आया है कि हासीन ने केवल अपने भाई कासिम के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी बहन और बहनोई के लिए भी पाकिस्तान का वीजा दिलाने में ISI एजेंट्स की मदद से बड़ी भूमिका निभाई.
हासीन को दिल्ली पुलिस ने अदालत में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड में लिया है. एक पुलिस सूत्र ने बताया, 'कासिम से पूछताछ में हासीन का नाम सामने आया. कासिम ने बताया कि पाकिस्तान में उसे बताया गया था कि उसका भाई पहले से ही हमारे लिए काम कर रहा है.'