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India Daily

राजस्थान में मस्जिद के बाहर पत्थर हटाने पर हिंसक झड़प, पुलिस पर किया हमला; दागे आंसू गैस के गोले

जयपुर के चोमूं में एक मस्जिद के पास सड़क के काम को लेकर हुए विवाद के बाद हिंसा भड़क गई. पत्थरबाजी में कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए, जिसके बाद आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.

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Edited By: Princy Sharma
राजस्थान में मस्जिद के बाहर पत्थर हटाने पर हिंसक झड़प, पुलिस पर किया हमला; दागे आंसू गैस के गोले
Courtesy: Pinterest

जयपुर: राजस्थान के जयपुर के पास चोमूं शहर में शुक्रवार सुबह स्थानीय बस स्टैंड इलाके में एक मस्जिद के पास सड़क के काम को लेकर विवाद के बाद अचानक तनाव फैल गया. जो काम ट्रैफिक सुधार योजना के तौर पर शुरू हुआ था, वह जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया, जिसमें कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए और हालात को काबू करने के लिए अधिकारियों को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.

अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला बस स्टैंड इलाके में लंबे समय से चली आ रही ट्रैफिक समस्या से जुड़ा था. करीब 45 सालों से मस्जिद के पास सड़क किनारे बड़े-बड़े पत्थर पड़े थे, जिससे अक्सर ट्रैफिक जाम होता था और लोगों को परेशानी होती थी. इस समस्या को हल करने के लिए, चोमूं पुलिस ने एक दिन पहले मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग की थी. मीटिंग के दौरान, दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से तय किया कि ट्रैफिक को बेहतर बनाने के लिए पत्थरों को हटा दिया जाना चाहिए.

सुबह 3 बजे बदली स्थिति 

अगले दिन, समुदाय के सदस्यों की मौजूदगी में पत्थरों को शांतिपूर्वक हटा दिया गया. प्रशासन ने इसे एक सकारात्मक और सहयोग वाला कदम माना और इलाका शांत रहा. हालांकि, शुक्रवार को सुबह करीब 3 बजे स्थिति अचानक बदल गई जब कुछ लोगों ने उस जगह पर लोहे की रेलिंग लगाना शुरू कर दिया जहां से पत्थर हटाए गए थे.

छह पुलिसकर्मी घायल

इस समय, कुछ असामाजिक तत्वों ने कथित तौर पर काम का विरोध करना शुरू कर दिया. उनका विरोध जल्द ही बढ़ गया और बस स्टैंड के पास एक बड़ी भीड़ जमा हो गई. भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे विरोध हिंसक हो गया. इस अफरा-तफरी में करीब छह पुलिसकर्मी घायल हो गए.

आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़ 

जब स्थिति बेकाबू हो गई, तो पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस कार्रवाई के बाद, भीड़ तितर-बितर हो गई, और धीरे-धीरे शांति बहाल हो गई. पूरे बस स्टैंड इलाके को हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में बदल दिया गया, और भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई. वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर करीब से नज़र रख रहे हैं, और आगे कोई परेशानी न हो, इसके लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं.

सख्त कानूनी कार्रवाई

चोमूं पुलिस स्टेशन के अधिकारी प्रदीप शर्मा ने साफ किया कि प्रशासन ने सिर्फ ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए सड़क किनारे से पत्थर हटाए थे और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर अफवाहें या गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस अब हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि शांति भंग करने या सरकारी काम में बाधा डालने के दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. निवासियों से शांत रहने और अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया गया है क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है.