पंजाब में बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने “ऑपरेशन राहत” शुरू किया है. यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना का ऐसा उदाहरण है जिसमें मंत्री ने व्यक्तिगत योगदान से जरूरतमंदों की मदद का बीड़ा उठाया है. आनंदपुर साहिब और नंगल इलाके के गांवों में इस पहल ने लोगों को नई उम्मीद दी है.
ऑपरेशन राहत की शुरुआत मंत्री बैंस ने अपने परिवार की ओर से 5 लाख रुपये समर्पित कर की. इस राशि से 50 प्रभावित घरों की मरम्मत कर उन्हें फिर से बसाने का काम किया जाएगा. बैंस ने केवल आर्थिक सहायता ही नहीं दी, बल्कि स्वयं गांवों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से सीधे मुलाकात भी की. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने सरकारी स्कूलों में सफाई अभियान में भी हिस्सा लिया, जिसमें स्थानीय युवा और सरपंच भी शामिल हुए.
बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे बड़ा होता है. इसे देखते हुए ऑपरेशन राहत के तहत प्रभावित इलाकों में डीडीटी का छिड़काव, फॉगिंग और मेडिकल टीमों की तैनाती की गई है. पशुओं की देखभाल के लिए वेटनरी डॉक्टर भी लगातार गांवों में मौजूद रहेंगे. मंत्री बैंस ने साफ कहा कि लोगों के सहयोग और वाहेगुरु की कृपा से हर मुश्किल का हल निकाला जाएगा.
बाढ़ से मक्का और धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने अगले 10 दिनों तक पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम और सरपंच को प्रभावित गांवों में मौजूद रहने का निर्देश दिया है, ताकि किसानों और अन्य पीड़ितों को तुरंत मुआवजा और सरकारी मदद मिल सके. जिन परिवारों ने बाढ़ में अपने पशु खो दिए हैं, उन्हें भी विशेष सहायता दी जाएगी.
बैंस ने भरोसा जताया कि 3-4 दिनों में प्रभावित परिवारों का पूरा डाटा तैयार कर लिया जाएगा और उसी आधार पर सहायता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले 8-10 दिनों में ऑपरेशन राहत बड़े स्तर पर पूरा हो जाएगा. इससे पहले मंत्री बैंस ने अपने निजी घरों—गंभीरपुर और नंगल स्थित सेवा सदन—को पीड़ित परिवारों के लिए खोल दिया था, जहां 24 घंटे भोजन, ठहरने और इलाज की सुविधा दी गई. यह पहल सिर्फ एक मंत्री का योगदान नहीं, बल्कि पंजाब सरकार की संवेदनशीलता और जनता के प्रति समर्पण का प्रतीक है.