Punjab severe floods: पंजाब में सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों में हुई भारी बारिश के कारण तबाही का एक और दौर शुरू हो गया है, जिससे नदियां और नाले उफान पर हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. 23 में से 12 जिले अब रेड अलर्ट पर हैं, और अधिकारी संकट को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री भगवंत मान को फोन करके मदद का आश्वासन दिया है.
चंडीगढ़ स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियां उफान पर हैं, जिससे पूरे पंजाब में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है.
पंजाब भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, 1 अगस्त से अब तक सभी 12 प्रभावित जिलों में 29 लोगों की जान जा चुकी है. 2.46 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 1.45 लाख गुरदासपुर में हैं. 15,600 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भारी बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. मौसम विज्ञानी पवनीत कौर किंगरा का कहना है कि लगातार हो रही बारिश ने 55 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
#Punjab is battling severe floods, claiming 29 lives across all 12 affected districts since August 1.
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 2, 2025
Over 2.46 lakh people have been affected, with 1.45 lakh in Gurdaspur. More than 15 thousand 600 persons have been evacuated.
Widespread rain has worsened the situation.… pic.twitter.com/SoDoItDPfD
फगवाड़ा और कपूरथला में रात भर मूसलाधार बारिश हुई, जिससे दुकानें जलमग्न हो गईं और जलभराव से आवाजाही ठप हो गई. सुल्तानपुर लोधी में, व्यास नदी के बढ़ते जलस्तर ने तटबंधों को खतरे में डाल दिया है और 50,000 एकड़ से ज्यादा में खड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है.