Punjab bullock cart race: पंजाब में एक बार फिर से पारंपरिक बैलगाड़ी दौड़ की रौनक लौटने वाली है. शुक्रवार को पंजाब विधानसभा ने' द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स' (पंजाब संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी. इस विधेयक के तहत बैलगाड़ी दौड़ को पुनर्जनन देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "सिर्फ किला रायपुर नहीं, बल्कि पूरे पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन होगा. मेरे गांव में भी यह दौड़ होती है, लेकिन किला रायपुर की दौड़ विश्व भर में प्रसिद्ध है."
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बैलगाड़ी दौड़ के दौरान पशुओं पर जुल्म की अफवाहें निराधार हैं. "किसान अपने पशुओं को बच्चों की तरह पालते हैं. किसी भी तरह का जुल्म नहीं होता." इस विधेयक में पशुओं की सुरक्षा के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं. अब प्रतिभागियों को दौड़ के दौरान डंडा इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी. वे केवल हाथों से पशुओं को प्रोत्साहित कर सकेंगे. यह कदम पशुओं के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है.
VIDEO | Chandigarh: Punjab Chief Minister Bhagwant Mann (@BhagwantMann ) facilitates the revival of traditional bullock cart races at the iconic Kila Raipur Rural Olympics.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 11, 2025
He says, “It is a historic day for Punjab. The race, once banned, has now been brought back as part of… pic.twitter.com/AlVAe01oCa
पशुओं की सुरक्षा और परंपराओं का संरक्षण
विधेयक का मुख्य उद्देश्य खेलों में शामिल पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इसमें पशु चिकित्सा निगरानी, सुरक्षा मानकों का पालन, पंजीकरण और दस्तावेजीकरण जैसी शर्तें शामिल हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान है. मान ने उम्मीद जताई कि यह विधेयक न केवल ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि पंजाब की देसी पशु नस्लों के संरक्षण में भी योगदान देगा.
लावारिस पशुओं की समस्या पर केंद्र से चर्चा
मुख्यमंत्री ने लावारिस कुत्तों और पशुओं की समस्या पर भी ध्यान आकर्षित किया. "लावारिस पशुओं के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं, जिनमें कई बार पूरा परिवार खत्म हो जाता है." इस मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत चल रही है. विधायक विक्रमजीत चौधरी ने भी इस समस्या को विधानसभा में उठाया था.