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ट्रंप के बाद केजरीवाल ने मांगा खुद के लिए नोबेल पुरस्कार, जानें दिल्ली के CM ने क्या दी दलील?

अरविंद केजरीवाल लंबे समय से दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर राजधानी में आप के प्रयासों को पटरी से उतारने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाते रहे हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
Arvind Kejriwal
Courtesy: Social Media

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने शासन और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग करके एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर उनके कार्यों में बार-बार बाधा डालने का आरोप लगाया.

मोहाली में जनसभा को संबोधन

पंजाब के मोहाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, “हमने दिल्ली में अपनी सरकार के दौरान काम करने की अनुमति न होने के बावजूद काम किया. मुझे लगता है कि दिल्ली में मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की मात्रा के लिए मुझे शासन और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए.” उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर केंद्र सरकार के इशारों पर आप सरकार के प्रयासों को विफल करने का आरोप लगाया.

भाजपा पर गंभीर आरोप

केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा ने दिल्ली नगर निगम का उपयोग करके आप की पहलों को नष्ट किया. उन्होंने कहा, “आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आप ने दिल्ली में इतनी मुश्किलों का सामना करते हुए मोहल्ला क्लीनिक बनाए. इन लोगों ने भाजपा शासित नगर निगम के बुलडोजर भेजकर पांच मोहल्ला क्लीनिक तोड़ दिए. इससे उन्हें क्या मिला? नगर निगम ने सभी सरकारी मोहल्ला क्लीनिक ध्वस्त कर दिए.

दिल्ली की बिगड़ती स्थिति

केजरीवाल ने कहा कि पिछले चार महीनों में, जब से आप की प्रशासनिक शक्तियां सीमित हुईं और भाजपा ने दिल्ली में सत्ता संभाली, स्थिति बदतर हो गई है. उन्होंने कहा, “आज दिल्ली के लोग आप की अहमियत समझ रहे हैं. भाजपा ने दिल्ली की हालत खराब कर दी है. मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे हैं. अस्पतालों में मुफ्त दवाइयों और जांच की सुविधा बंद हो गई है. और चारों तरफ गंदगी फैल गई है.

आप की कल्याणकारी योजनाएं

केजरीवाल ने आप की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने फैसला किया कि प्रत्येक परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20 हजार लीटर मुफ्त पानी मिलेगा. इसके साथ ही, शिक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई.” उन्होंने 2013 की बिजली संकट की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने बिजली संकट के खिलाफ 15 दिन तक उपवास किया था. लोगों को हजारों रुपये के बिजली बिल आते थे, लेकिन बिजली आपूर्ति नहीं थी. मैं खुद खंभे पर चढ़कर तार जोड़ता था.

विपक्ष की प्रतिक्रिया

अरविंद केजरीवाल के बयानों ने राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं. विपक्षी नेताओं ने उन पर “झूठे दावे” करने का आरोप लगाया है.