India- Pak Asia cup 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2025 मैच को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. दोनों नेताओं ने सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल उठाए, जहाँ एक ओर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को मंजूरी दी जाती है, वहीं श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब जैसे पवित्र तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं के दर्शन पर पाबंदी लगा दी जाती है.
भगवंत मान ने साफ कहा, "अगर क्रिकेट का लाइव प्रसारण हो सकता है, तो पंजाबियों को गुरु नानक की धरती पर मत्था टेकने से क्यों रोका जा रहा है?" यह सवाल न केवल सिख समुदाय की भावनाओं को उजागर करता है, बल्कि पंजाब की अस्मिता से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा भी है.
पंजाब की आस्था का अपमान?
पंजाबियों के लिए श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब केवल तीर्थस्थल नहीं, बल्कि उनकी आध्यात्मिक पहचान का हिस्सा हैं. हर पंजाबी की अरदास में इन पवित्र स्थानों पर मत्था टेकने की इच्छा शामिल होती है. लेकिन केंद्र सरकार का रवैया पंजाबियों के लिए अपमानजनक बन रहा है.
मान ने कहा कि क्रिकेट को राष्ट्रभक्ति का उत्सव बताया जाता है, लेकिन श्रद्धा के रास्ते बंद किए जा रहे हैं. यह दोहरापन अब पंजाबियों को चुभने लगा है. अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेला जा सकता है, तो श्रद्धालुओं को गुरु के दर पर जाने से क्यों रोका जा रहा है? यह सवाल पंजाब की आत्मा से जुड़ा है, जो केवल सिखों का नहीं, बल्कि पूरे पंजाब का है.
संजय राउत का विस्फोटक बयान
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने इस मैच को केवल खेल नहीं, बल्कि एक बड़ा आर्थिक सौदा करार दिया. उन्होंने दावा किया कि इस मुकाबले पर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का सट्टा लगा, जिसमें से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को 1000 करोड़ रुपये की कमाई हुई.
राउत ने आरोप लगाया कि सट्टेबाजी से मिले 25,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार और बीसीसीआई पर निशाना साधते हुए कहा, "यह मैच सिर्फ पैसे के लिए खेला गया. हम ऐसे मैचों पर थूकते हैं." राउत का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से पाकिस्तान को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है.
पंजाब की क्या है मांग
मुख्यमंत्री मान ने केंद्र सरकार की उपेक्षा पर भी सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि पंजाब को बाढ़ राहत के लिए 1600 करोड़ रुपये की घोषणा तो की गई, लेकिन एक रुपया भी नहीं मिला. जब पंजाब बाढ़ से जूझ रहा था, तब मान सरकार ने 2300 गाँवों में सफाई और चिकित्सा दल भेजकर राहत कार्य किए.
मान ने बीजेपी नेताओं को चुनौती दी कि वे प्रधानमंत्री से पूछें कि करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब के दर्शन पर पाबंदी क्यों? पंजाब, जो भगत सिंह और करतार सिंह सराभा जैसे शहीदों की धरती है, अपनी श्रद्धा और अस्मिता के लिए कभी नहीं झुकेगा. पंजाबी कहते हैं, "यह सरकार हमारी है, काम करने वाली है, और जमीन पर खड़ी है."