खजुराहो जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. जिस रिसॉर्ट में सैलानी सुकून तलाशते हैं, वहीं कर्मचारियों के लिए एक सामान्य भोजन जानलेवा साबित हुआ. सरल दिखने वाली एक डिश ने कई परिवारों की दुनिया उजाड़ दी. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या लापरवाही और खराब स्वच्छता ने इस हादसे को जन्म दिया.
8 दिसंबर, 2025 को संदिग्ध रूप से दूषित आलू-गोभी खाने के बाद खजुराहो में गौतम रिजॉर्ट के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई. पांच जीवन के लिए जंग लड़ रहे हैं. स्वास्थ्य अधिकारी रसोई की स्वच्छता की जांच कर रहे हैं, जबकि परिवार शोक में हैं और प्रबंधन से न्याय की मांग कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित गौतम रिसॉर्ट में चार श्रमिकों प्रागीलाल कुशवाहा (54), रामस्वरूप कुशवाहा (47), गिरजा रजक (35) की संदिग्ध रूप से भोजन विषाक्तता से मौत हो गई, जबकि 6 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है.
शाम को आलू-गोभी खाने के बाद नौ स्थानीय लोग लगभग पांच बजे बीमार पड़ गए, उन्हें उल्टी, चक्कर और घबराहट होने लगी; उन्हें छतरपुर जिला अस्पताल ले जाया गया, फिर झांसी मेडिकल कॉलेज और ग्वालियर के न्यू जेएएच में रेफर कर दिया गया.
स्वास्थ्य अधिकारी भोजन, पानी और रसोई के नमूनों की जाँच कर रहे हैं, पुलिस लापरवाही की जाँच कर रही है. खजुराहो के सांसद वीडी शर्मा ने विस्तृत जाँच और सख्त कार्रवाई की माँग की है, जबकि परिवार रिसॉर्ट की जवाबदेही की माँग कर रहे हैं.
पीड़ितों की उम्र 19 से 65 वर्ष के बीच थी और वे सभी आस-पास के गांवों से आए रिसॉर्ट के कर्मचारी थे. उन्होंने एक नियमित कर्मचारी के साथ खाना खाया जो रातोंरात जानलेवा बन गया. अनुभवी रसोइया प्रागीलाल अपने पीछे पत्नी और बच्चे छोड़ गए; रामस्वरूप अपने बुजुर्ग माता-पिता का पालन-पोषण कर रहे थे; युवा दंपत्ति गिरजा और रोशनी अपना घर बनाने का सपना देख रहे थे.
अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि जैसे-जैसे लक्षण तेज़ी से बढ़ते गए, अफरा-तफरी मच गई. डॉ. ने पुष्टि की कि मृतक के शरीर में जहर के लक्षण दिखाई दिए, जिससे उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया.
जीवित बचे लोगों, जिनमें से दो वेंटिलेटर पर हैं, को लंबे समय तक ठीक होने का सामना करना पड़ रहा है, जो नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए भोजन पर निर्भर कम वेतन वाले आतिथ्य श्रमिकों की भेद्यता को उजागर करता है.
छतरपुर जिला अस्पताल में शुरुआती इलाज नाकाफी साबित हुआ क्योंकि हालत बिगड़ती गई, जिसके कारण सीमित आईसीयू बेड के बीच मरीज़ों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. ग्वालियर के नए जेएएच में विशेषज्ञ एंटीडोट्स देते हैं और महत्वपूर्ण अंगों की निगरानी करते हैं. अधिकारियों ने अभी तक पानी के दूषित होने जैसे बाहरी कारकों से इनकार किया है.
स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से तत्काल नमूना विश्लेषण का निर्देश दिया और इस बात पर जोर दिया कि, 'कारण का पता लगाने और पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.'
पुलिस ने रिसॉर्ट के रसोईघर को सील कर दिया है, तथा फोरेंसिक जांच के लिए कच्ची सब्जियां, मसाले और बर्तन जब्त कर लिए हैं, जबकि मजिस्ट्रेट जांच में स्वच्छता संबंधी खामियों का आकलन किया जा रहा है.
खजुराहो में यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब स्वयं मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रीगण जिले के प्रवास पर हैं. एक साथ हुई मौतों से प्रशासन में हड़कंप मच गया है और अफसरों के हाथ-पांव फूल गए हैं. मामला संदिग्ध मानते हुए सीएमएचओ आरपी गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि सामान्य तौर पर केवल फूड पॉइजनिंग से इस तरह मौतें नहीं होतीं. घटना की वास्तविक वजह जानने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को बुलाया गया है, ताकि हर पहलू से जांच हो सके.
इधर, प्रारंभिक जानकारी के आधार पर गौतम होटल खजुराहो के तीन कर्मचारियों की दुःखद मृत्यु पर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों को रेडक्रॉस सोसायटी से 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है. जिला प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रागीलाल कुशवाहा, गिरजा रजक और रामस्वरूप कुशवाहा के परिजनों को राहत देने का निर्णय लिया. साथ ही घटना की सूचना मिलते ही होटल में परोसे गए भोजन की सैंपलिंग कर जांच भी शुरू करा दी गई है.