Ujjain muharram procession: उज्जैन शहर में मोहर्रम जुलूस के दौरान खजूर वाली मस्जिद के पास अराजकता का माहौल बन गया. मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन के तय नियमों की अवहेलना करते हुए बैरिकेड तोड़ दिए और जुलूस को प्रतिबंधित रास्ते पर ले जाने की कोशिश की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने जुलूस के आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला सहित 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
हर साल की तरह इस बार भी उज्जैन में मोहर्रम का जुलूस निकाला गया. जुलूस के तीन दिन पहले पुलिस प्रशासन, जुलूस आयोजकों और मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों की बैठक हुई थी. इस बैठक में जुलूस का मार्ग तय किया गया था, जिस पर सभी ने लिखित सहमति दी थी. तय मार्ग के अनुसार, जुलूस को खजूर वाली मस्जिद चौराहे से निकास चौराहे की ओर जाना था. लेकिन, कुछ लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर जुलूस को अब्दालपूरा क्षेत्र की ओर ले जाने की कोशिश की.
मध्य प्रदेश:उज्जैन में मुहर्रम जुलूस में बवाल मचा!
— The Muslim Spaces (@TheMuslimSpaces) July 6, 2025
मुहर्रम ताजिया जुलूस का घोड़ा पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तरफ दौड़ गया और बैरिकेड की तरफ जाने की कोशिश की। पुलिस ने लोगों को काबू में करने के लिए लाठियों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने आयोजक सहित अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। pic.twitter.com/HR4bTm2kym
बैरिकेड तोड़ने की कोशिश, पुलिस ने संभाला मोर्चा
जुलूस में शामिल कुछ लोग घोड़े के साथ खजूर वाली मस्जिद चौराहे पर पहुंचे और तय मार्ग के विपरीत अब्दालपूरा की ओर बढ़ने लगे. इस दौरान उन्होंने पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की. मौके पर मौजूद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया. इस हंगामे में दो पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. स्थिति को नियंत्रित करने के बाद पुलिस ने आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला और उनके 15 साथियों पर कानूनी कार्रवाई शुरू की.
एसपी प्रदीप शर्मा का बयान
मामले पर एसपीन प्रदीप शर्मा ने कहा, "बैठक में तय मार्ग का पालन करने पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ उपद्रवियों ने जबरन प्रतिबंधित रास्ते पर जुलूस ले जाने की कोशिश की. बैरिकेड तोड़ने की घटना के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला और उनके 15 साथियों पर मामला दर्ज किया गया है."
मुस्लिम समाज में नाराजगी
ईद मिलादुन्नबी जुलूस कमेटी के सहसचिव एडवोकेट मकसूद अली ने इस घटना पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, "कुछ लोगों ने तय मार्ग का उल्लंघन कर समाज की छवि खराब की है. पुलिस कंट्रोल रूम में सब कुछ तय होने के बावजूद, इन लोगों ने गलत रास्ते पर जुलूस ले जाकर समाज को हंसी का पात्र बनाया. ऐसे लोगों और मीटिंग में शामिल वरिष्ठ लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए."