कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की बढ़ती अटकलों के बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार (2 जुलाई) को स्पष्ट किया कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन करेंगे और कांग्रेस हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे. बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, “मेरे पास क्या विकल्प है? मुझे उनके (सिद्धारमैया) साथ खड़ा होना है, उनका समर्थन करना है. मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है. पार्टी हाईकमान जो भी कहेगा और जो चाहेगा, वह पूरा होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डीके शिवकुमार का यह बयान तब आया है, जब कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक मतभेद की खबरें जोरों पर हैं. खासकर, पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला द्वारा राज्य में विधायकों के साथ कई बैठकों के बाद ये अटकलें तेज हुईं. शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि सुरजेवाला की बैठकें केवल पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए थीं, जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन को सशक्त करने का निर्देश दिया था.
सिद्धारमैया CM बने रहने का किया दावा
दरअसल, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने बुधवार को एक बार फिर प्रदेश के नेत्रत्व में बदलाव की अटकलों को खारिज करते हुए मजबूती के साथ कहा कि वह पूरे पांच साल तक सीएम पद पर बने रहेंगे. सिद्धारमैया ने कहा, 'हां, मैं पांच साल तक मुख्यमंत्री बना रहूंगा, क्या आपको कोई शक है?' उनके इस बयान के बाद एक बार फिर कर्नाटक कांग्रेस में मतभेद उबर कर सामने आया है.
संगठन पर फोकस, नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा नहीं
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा, “एआईसीसी महासचिव पार्टी संगठन के मुद्दों पर चर्चा करने और विधायकों के अनुरोध स्वीकार करने के लिए बैठक कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बदलने या मंत्रिमंडल विस्तार की कोई चर्चा नहीं हो रही है. उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया.
मुख्यमंत्री पद की दौड़ पर चुप्पी
जब डीके शिवकुमार से पूछा गया कि क्या पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही और उनके समर्थक उनके बलिदानों का हवाला देकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता. लाखों कार्यकर्ताओं ने इस पार्टी का समर्थन किया है। यह सिर्फ डीके शिवकुमार की बात नहीं है.”
2023 में नेतृत्व का समझौता
मई 2023 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ा मुकाबला था. अंततः, कांग्रेस ने शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री की भूमिका स्वीकार करने के लिए मना लिया. उस समय खबरें थीं कि दोनों नेताओं के बीच ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद की रोटेशनल व्यवस्था पर सहमति बनी थी. हालांकि, पार्टी ने ऐसी किसी व्यवस्था की आधिकारिक पुष्टि नहीं की.
एकजुटता का दावा
डीके शिवकुमार ने सत्तारूढ़ कांग्रेस में किसी भी आंतरिक असंतोष की बात को खारिज करते हुए कहा कि जब तक सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं, नेतृत्व को लेकर कोई विवाद नहीं है. उनका यह बयान पार्टी में एकजुटता का संदेश देता है.