Anganwadi Children Illness: कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रिप्पोनपेट तालुक स्थित हिरेसानी गाँव में मंगलवार को विटामिन ए की खुराक लेने के बाद 13 आंगनवाड़ी बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. सभी बच्चों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. यह खुराक एक निवारक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दी जा रही थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया गया कि बच्चों को दिन में आंगनवाड़ी केंद्र में विटामिन ए की बूंदें पिलाई गईं. शाम तक कई बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और बेचैनी की शिकायत हुई. शुरू में उन्हें पास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन संख्या बढ़ने और बच्चों की हालत को देखते हुए उन्हें शिवमोग्गा के मैकगैन अस्पताल रेफर किया गया.
घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि विटामिन ए की बूंदें पीने के बाद ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी. उन्होंने खुराक की गुणवत्ता और वितरण प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं.
शिवमोग्गा के विधायक बेलुरु गोपालकृष्ण तुरंत अस्पताल पहुंचे और चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने डॉक्टरों और अधिकारियों को सभी बच्चों को उचित देखभाल देने के निर्देश दिए. विधायक ने कहा, "सभी बच्चों की हालत स्थिर है. डॉक्टरों की निगरानी में हैं और एक दिन के अवलोकन के बाद उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी."
जिला स्वास्थ्य अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की गई. प्राथमिक तौर पर डॉक्टरों को संदेह है कि यह भोजन, पानी या विटामिन ए की खुराक में से किसी एक के कारण हो सकता है.
बच्चों को दी गई खुराक, उस दिन दिया गया भोजन और पीने के पानी के नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेज दिए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण का पता चल सकेगा.
यह घटना आंगनवाड़ी केंद्रों में चल रहे नियमित स्वास्थ्य अभियानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को कोई भी दवा या खुराक देने से पहले उसकी गुणवत्ता और प्रक्रिया की सघन जांच जरूरी है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सा सहायता तुरंत नहीं मिल पाती.
स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे.