menu-icon
India Daily

बेंगलुरु में 'चप्पल कांड'! ऑटोवाले से हुई जरा सी चूक तो महिला ने कर दी चप्पलों की बरसात, मामला बढ़ा तो पैर छूकर मांगी माफी

कर्नाटक की राजधानी एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक महिला सड़क पर एक ऑटो चालक को चप्पल से मारती दिखाई दी.

auth-image
Edited By: Garima Singh
Bengaluru Auto Driver
Courtesy: x

Bengaluru Auto Driver: कर्नाटक की राजधानी एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक महिला सड़क पर एक ऑटो चालक को चप्पल से मारती दिखाई दी. यह घटना न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई. यह घटना रविवार, दोपहर करीब 3 बजे, बेंगलुरु के बेलंदूर इलाके में सेंट्रो मॉल के पास हुई. वीडियो में 28 साल की पंखुड़ी मिश्रा, जो बिहार की रहने वाली हैं, ऑटो चालक लोकेश को चप्पल से बार-बार मारती दिख रही हैं.

वीडियो में पंखुड़ी को हिंदी में कहते सुना गया, "यह बदतमीजी कर रहा है, मेरा पैर कुचला और उसके बाद वीडियो बना रहा है.' दूसरी ओर, लोकेश का कहना था कि उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग इसलिए शुरू की क्योंकि पंखुड़ी कन्नड़ के बजाय हिंदी में बहस कर रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब पंखुड़ी और उनके पति, जो दोपहिया वाहन पर सवार थे, लेन बदलते समय कथित तौर पर ऑटोरिक्शा से टकरा गए. इसके बाद बहस बढ़ी और मामला मारपीट तक पहुंच गया. 

पुलिस कार्रवाई और माफी

लोकेश की शिकायत के आधार पर पंखुड़ी मिश्रा के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, जिसमें उन पर अकारण हमले का आरोप लगाया गया. वीडियो के वायरल होने और जनता के आक्रोश के बाद, पंखुड़ी और उनके पति ने अपनी गलती स्वीकार की. उन्होंने एक वीडियो जारी किया जिसमें वे लोकेश से माफी मांगते और उनके पैर छूते नजर आये. पंखुड़ी ने दावा किया कि गर्भवती होने के कारण वह घबरा गई थीं और ऑटो के पास आने से उन्हें असहजता हुई. उन्होंने कहा, "हम बेंगलुरु से प्यार करते हैं, हम इसकी संस्कृति से प्यार करते हैं और हम इसके लोगों से प्यार करते हैं.'

जनता का आक्रोश और सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की. कई यूजर्स ने पंखुड़ी के आक्रामक व्यवहार की निंदा की और सख्त कार्रवाई की मांग की. एक यूजर ने लिखा "गर्भावस्था आपको हिंसक होने और दूसरों को मारने-पीटने का अधिकार नहीं देती।"वहीं दूसरे ने लिखा, "किसी भी संदर्भ में हिंसक होना उचित नहीं है। बस गलतियों को सही ठहराना बंद करें। अब यह चलन बन गया है कि पहले कोई बड़ी गलती कर दी जाए और फिर माफ़ी मांगकर उससे बच निकला जाए।"