Bengaluru Rain Flood: बेंगलुरु में हाल ही में हुई भारी बारिश और जलभराव की घटनाओं के बाद कर्नाटक सरकार निचले इलाकों में बेसमेंट पार्किंग पर रोक लगाने की तैयारी में है. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने संकेत दिए हैं कि अब ऐसे क्षेत्रों में अंडरग्राउंड पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह कदम शहर की बाढ़ से लड़ने की क्षमता बढ़ाने की दिशा में माना जा रहा है.
शिवकुमार ने कहा, 'जहां भी निम्न इलाका होगा, वहां अंडरग्राउंड पार्किंग की इजाजत नहीं दी जाएगी. हम ऊपरी स्तर पर पार्किंग बनाने की अनुमति देंगे.' शहरी नियोजन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम शहरी बाढ़ को रोकने में सहायक हो सकता है, लेकिन इससे निर्माण लागत और डिज़ाइन में कई चुनौतियां आ सकती हैं. एक एक्सपर्ट ने कहा, 'बेसमेंट पर रोक एक सही विचार है, लेकिन इसकी दीर्घकालिक व्यवहार्यता पर सवाल उठते हैं.'
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बेसमेंट बनाने की लागत सामान्य फ्लोर की तुलना में दोगुनी होती है, लेकिन उसे हटाकर ऊपर पार्किंग बनाना और भी महंगा साबित हो सकता है. ऐसा करने से plumbing, लिफ्ट, और बिजली के सिस्टम को ऊपर ले जाना पड़ेगा, जिससे लागत और बढ़ेगी.
डेवलपर्स के अनुसार, बेसमेंट हटाने से Floor Space Index (FSI) का प्रभावी उपयोग नहीं हो पाएगा, जिससे प्रोजेक्ट की व्यावसायिकता घट सकती है. सरंग कुलकर्णी ने कहा, 'FSI का पूरा उपयोग न हो पाने से जमीन की वैल्यू प्रभावित होती है.'
रिटेल सेक्टर के लिए ग्राउंड फ्लोर अहम होता है. ऐसे में बिना बेसमेंट के, रिटेल और पार्किंग को एक ही लेवल पर लाना मुश्किल होगा. ऊंचाई सीमा वाले क्षेत्रों जैसे कोरमंगला और इंदिरानगर में ये और चुनौतीपूर्ण हो सकता है. एक्सपर्ट्स ने पोडियम-लेवल पार्किंग को एक व्यवहारिक विकल्प बताया है. इससे ग्राउंड वाटर सीपेज रोका जा सकता है और बेसमेंट जैसी सुविधा मिल सकती है.