बेंगलुरु: दिल्ली के बाद अब बेंगलुरु में इस हफ्ते हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है जिससे शहर के लाखों लोगों में चिंता बढ़ गई है. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI शुक्रवार को 110 दर्ज किया गया जो संवेदनशील लोगों के लिए अस्वस्थ श्रेणी में आता है. इस हफ्ते के शुरू में यह स्तर 178 तक पहुंच गया था जो और भी अधिक खतरनाक माना जाता है.
पिछले चौबीस घंटों का सबसे कम स्तर भी 99 रहा जो मध्यम श्रेणी में आता है लेकिन राहत देने के लिए काफी नहीं है. पिछले एक हफ्ते के आंकड़े दिखाते हैं कि बेंगलुरु का AQI लगातार एक सौ पचास से एक सौ सत्तर के बीच रहा है. खासकर पूर्वी बेंगलुरु में प्रदूषण का स्तर अधिक रहा है.
Why is Bengaluru turning into Delhi?
— Civic Opposition of India (@CivicOp_india) November 15, 2025
The AQI has crossed 170, reaching unhealthy levels.@siddaramaiah @DKShivakumar, will a ₹613-crore mechanical sweeper really reduce PM2.5?
Why is @GBA_office @GBAChiefComm unable to keep Bengaluru clean? pic.twitter.com/xFM4y7luZa
यहां पीएम दो दशमलव पांच का स्तर पचास माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर और पीएम दस का स्तर लगभग सतहत्तर माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. यह दोनों स्तर राष्ट्रीय सुरक्षित सीमा से अधिक हैं. लगातार बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शहर की हवा आखिर इतनी खराब क्यों हो रही है.
कई नागरिकों का मानना है कि अवैध कूड़ा जलाने की घटनाएं प्रदूषण बढ़ने की बड़ी वजह बन रही हैं. महादेवपुरा, के आर पुरम, व्हाइटफील्ड और आसपास के क्षेत्रों से ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. लोगों ने कहा है कि कूड़ा जलाने से निकलने वाला धुआं स्थानीय हवा को और भी ज्यादा दूषित कर रहा है. इससे न सिर्फ हवा खराब हो रही है बल्कि लोगों को सांस से संबंधित परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है.
शहर के लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी और चिंता व्यक्त कर रहे हैं. कई यूजर्स ने लिखा है कि बेंगलुरु अब दिल्ली की तरह प्रदूषण की चपेट में आता जा रहा है. एक यूजर ने लिखा कि AQI एक सौ सत्तर के पार पहुंच गया है और यह शहर के लिए गंभीर खतरे का संकेत है. दूसरे यूजर ने कहा कि पूर्वी बेंगलुरु में पिछले कुछ महीनों से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और स्थिति हर दिन बदतर हो रही है.
कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि शहर के कुछ ही हिस्सों में प्रदूषण तेजी से क्यों बढ़ रहा है जबकि पूरे शहर में ट्रैफिक का दवाब लगभग समान है. कई नागरिकों ने कहा कि धूल भरी सड़कों और कूड़ा जलाने से हवा में धुआं और कण बढ़ जाते हैं जिससे प्रदूषण का स्तर और खराब हो जाता है.